हमीरपुर (जनमत):- कानपुर में थाना चौबेपुर के बिकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या में फरार चल रहे कुख्यात बदमाश विकास दूबे गैंग के शूटर अमर दूबे को हमीरपुर और एसटीएफ की जॉइंट पुलिस ने इन्कॉउंटर में मार गिराया। फरार विकास दूबे का राइट हैण्ड कहे जाने वाले अमर दूबे पर थाना चौबेपुर और कानपुर देहात में कुल 13 मुकदमें दर्ज थे। अमर दूबे बिकरू काण्ड में नामजद आरोपी था और उस पर 25 हजार रूपये का इनाम भी घोषित था। चौबेपुर थाने और कानपुर देहात में अमर दुबे के खिलाफ संगीन धाराओं में 13 मुकदमे दर्ज हैं।
इनमें आठ मामले में उस पर हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, रंगदारी, डकैती और धमकी देने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है। इंकॉउंटर में मारा गया अमर फरार विकास दुबे के साथ हर जुर्म में शामिल रहता था। 2 जुलाई की रात विकास दुबे के घर दबिश देने पहुंची टीम पर अमर दुबे ने भी गोलियां बरसाई थीं। इसके बाद वह भी विकास दुबे के साथ ही फरार हुआ और उसी के साथ फरीदाबाद पहुंच गया। इसकी भनक फरीदाबाद पुलिस और यूपी एसटीएफ को लगी तो दोनों अलग-अलग फरार हो गए। सूत्रों के मुताबिक अमर दूबे फरीदाबाद से हमीरपुर के रास्ते मध्य प्रदेश भागना चाहता था लेकिन एसटीएफ और पुलिस की सख्ती की वजह से वह मौदहा में अपने रिश्तेदार के घर छिपने जा रहा था।
इस बीच पुलिस और एसटीएफ की जॉइन्ट टीम ने उसे घेर लिया और सरेंडर करने को कहा, लेकिन उसने फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में की गई कार्रवाई में अमर दूबे ढेर हो गया जबकि प्रभारी निरीक्षक मौदहा और एसटीएफ का एक सिपाही भी घायल हुआ है। मारे गए अमर दूबे के पास एक ऑटोमैटिक पिस्टल और एक बैग भी मिला है। कहते है अपराध और अपराधी का यही अंत होता है। बता दे कि मृतक बदमाश अमर दूबे की कुछ दिन पहले ही 29 जून 2020 को हुई थी। 2 जुलाई की रात को विकरू गांव में उसने विकास दुबे के साथ मिलकर पुलिस टीम पर हमला किया। हमले में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे जबकि सात अन्य घायल हुए थे। मुठभेड़ में मारे जाने की सूचना पर परिवार में अब सन्नाटा पसरा है। फिलहाल नई नवेली दुल्हन के हाथों की मेहंदी भी नहीं उतरी और उसकी मांग का सिन्दूर भी मिट गया।
Posted By:-Karmendra Tiwari