अयोध्या(जनमत):- वृंदावन से अयोध्या पहुंचे श्री आनंदम धाम ट्रस्ट के श्री सतगुरु रितेश्वर जी महाराज ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी की मौत पर कहा कि महंत नरेन्द्र गिरी की अगर हत्या निकलती है. तो गद्दी व सम्पत्ति विवाद और अगर आत्महत्या निकली है तो ब्लैकमेलिंग। वह उस तनाव को या ब्लैक मेल को सहन नहीं कर सके। दोनो अवस्था में सनातन धर्म की हानि होगी। अगर इसका जवाब हम सही तरीके से नहीं दे पाए। उन्होने कहा कि इसका जवाब यहीं है कि सनातन धर्म कभी धन से उत्पन्न नहीं हुआ।
वह ज्ञान से हुआ। गद्दी, सम्पत्ति, पीठ के लिए सतयुग से लेकर कलियुग तक इस तरह की घटनाए होती रही है। इससे सनातन धर्म मजबूत होगा। लोग यह समझ पायेंगे कि सत्ता, धन ही धर्म नहीं बल्कि अध्यात्मिक उन्नति का नाम धर्म है। आने वाली पीढ़ियों को यह बताना होगा। धार्मिक पीठ की यह जिम्मदारी होती है। कि लोगो का तनाव को कम करना। अगर यह आत्महत्या आती है तो लोग यह पूछेंगे कि इतनी उच्च धार्मिक गद्दी पर बैठे श्रेष्ठ ने आत्महत्या कर ली तो उसे कैसा तनाव।
इसकी व्याख्या इतनी जल्दी नहीं हो सकती है। हाईस्कूल की शिक्षा दो साल में ग्रहण की जाती है। आध्यत्मिक शिक्षा दो तीन महीने में नहीं हो सकती है। गुरुकुल में यह शिक्षा प्रदान की जाती है। पहले साढ़े तीन लाख गुरुकुल थे अब वह 100 की संख्या में ही बचे है.उन्होने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह समान नागरिक संहिता बनाये। धर्म व जाति के आधार पर भेदभाव नहीं किया जायेगा। सबके लिए एक कानून। वैदिक सनातन परम्परा को शिक्षा में डालना होगा।
अकबर महान नहीं बल्कि शिवाजी के विषय में rc को जानकारी देनी होगी। रामराज्य वह है कि जहां पर निःशुल्क शिक्षा, चिकित्सा व न्याय मिले। अगर स्वीजरलैण्ड में यह मिलता है तो वहां रामराज्य है। जहां राममंदिर का निर्णय आने पर 492 वर्ष लग जाये वहां कैसा रामराज्य। राममंदिर निर्माण का भारत ही नहीं पूरे विश्व पर इसका व्यापक असर पड़ेगा।