गर्ल्स इंटर कॉलेज में समाजसेवी संस्था ने चलाया “जागरूकता” अभियान…

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बलरामपुर (जनमत):- यूपी के बलरामपुर जैसे शैक्षिक और सामाजिक रूप से पिछड़ेपन के शिकार जिलों में कहीं ना कहीं महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति उतनी जागरूक नहीं है, जितना उन्हें होना चाहिए। इस जागरूकता को महिलाओं व किशोरियों में पैदा करने के लिए सरकार व स्वास्थ्य महकमे द्वारा समय-समय पर कार्यक्रमों को संचालित किया जाता है। इसी कड़ी में आज बलरामपुर मुख्यालय पर स्थित गर्ल्स इंटर कॉलेज में समाजसेवी संस्था द्वारा महिलाओं को माहवारी से संबंधित दिक्कतों और परेशानियों के साथ-साथ बीमारियों और उनके बचाव से अवगत कराया गया। गर्ल्स इंटर कॉलेज में सैनिटरी नैपकिंस का वितरण किया गया और एक इंसुलेटर मशीन को भी गर्ल्स इंटर कॉलेज में लगवाया गया।

भारतीय मूल की अमेरिकी मीनल बहल ने महिलाओं और किशोरियों के स्वास्थ्य के लिए केंद्रित एक संस्था ‘फैन फॉल’ (संगिनी की दोस्त) नाम की संस्था की शुरुआत की है। जो भारत तथा अमेरिका में महिलाओं को माहवारी और उसके दौरान होने वाली बीमारियों के बारे में शिक्षित करने का काम करती है। साथ ही साथ वह महिलाओं व किशोरियों को सैनेटरी पैड व उनके रहने वाली जगहों पर इंसुलेटर मशीनों को इनस्टॉल करवाने का काम करती है। आज इसी संस्था और इसकी संस्थापक मीनल बहल के द्वारा व विधान परिषद सदस्य साकेत मिश्रा के तत्वावधान में जिला मुख्यालय पर स्थित गर्ल्स इंटर कॉलेज में सैंकड़ों छात्राओं/ किशोरियों को माहवारी और उससे जनित बीमारियों के बारे में सचेत किया गया। संस्था के सदस्यों के द्वारा सैंकड़ों छात्राओं को सैनेटरी नैपकिन पैड के पैकेटों का वितरण किया गया। इसके साथ ही गर्ल्स इंटर कॉलेज परिसर में एक इंसुलेटर मशीन को भी लगवाया गया है। जहां पर छात्राएं अपने सैनेटरी पैड को डिस्पोज कर सकती है।

संस्था की संस्थापक मीनल बहल द्वारा छात्रों को वीडियो मैसेज के माध्यम से संबोधित भी किया गया। संबोधन के दौरान उन्होंने छात्राओं से माहवारी और इससे जनित रोगों के बारे में अपेक्षाकृत रूप से अधिक सजग रहने की अपील की। उन्होंने छात्रों से अपील करते हुए कहा कि यदि आप माहवारी के दिनों में है तो आपको हर 6 घंटे में अपना सेनेटरी नैपकिन पैड को चेंज करना चाहिए, जिससे शरीर से निकलने वाले गंदे खून का कोई दुष्प्रभाव अनचाही जगह पर ना पढ़ सके। उन्होंने यह भी अपील की की सेनेटरी पैड का उपयोग माहवारी के दौरान जरूर किया जाए। इसकी जगह पर जो किशोरिया या महिलाएं साधारण कपड़े का उपयोग करती हैं। वह न केवल नुकसानदायक है बल्कि उनमें बैक्टीरिया इत्यादि भी पड़े रहते हैं, जिस कारण से आने वाले दिनों में समस्या उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने कहा कि तमाम महिलाओं और किशोरियों में यह समस्या होती है कि उन्हें वजाइनल डिजीज हो जाती है। लेकिन जानकारी के अभाव में वह इन खतरों को पहचान ही नहीं पाती और अंत में उन्हें बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।