लोहिया इंस्टिट्यूट में बच्चों का चिकित्सीय प्रबंधन हेतु राज्यस्तरीय तीन दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित

UP Special News

लखनऊ/जनमत/28 नवम्बर 2024। डॉ.राम मनोहर लोहिया इंस्टिट्यूट बाल रोग विभाग में गंभीर कुपोषण से ग्रसित बच्चों का चिकित्सीय प्रबंधन हेतु राज्यस्तरीय तीन दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। बच्चों में गंभीर कुपोषण (SAM) के प्रबंधन हेतु तीन दिवसीय राज्यस्तरीय प्रशिक्षण 25 से 27 नवंबर 2024 तक बाल रोग विभाग मातृ एवं शिशु चिकित्सालय (उत्कृष्टता केंद्र) डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। जिसमें प्रदेश के विभिन्न जनपदों के पोषण पुनर्वास केंद्रों (NRCs) से चिकित्सा अधिकारियों (MO) और स्टाफ नर्सों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया गया।

उक्त प्रशिक्षण का उद्घाटन डॉ. रतन पाल सिंह सुमन, महानिदेशक परिवार कल्याण के कर कमलों द्वारा हुआ। महानिदेशक महोदय ने ज़ोर देते हुए कहा कि “गंभीर कुपोषण से जूझ रहे बच्चों की देखभाल के लिए कुशल और प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की आवश्यकता है। डॉ सूर्यांशु ओझा ने इस तरह की ट्रेनिंग के बहुत आवश्कता है। ट्रेनिंग का संचालन डॉ शीतांशु श्रीवास्तव नोडल एनआरसी। यूनिस से डॉ शुभा रावत एवं डॉ विपिन ने किया।

प्रशिक्षण में विशेषज्ञों के रूप में डॉ.ए.के.रावत, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, तथा पूर्व प्रोफेसर और बाल रोग विभागाध्यक्ष कलावती सारण बाल अस्पताल नई दिल्ली एवं डॉ. रविश शर्मा, पोषण अधिकारी, यूनिसेफ, लखनऊ के द्वारा सैम (SAM) प्रबंधन के तकनीकी पहलुओं, आधुनिक प्रोटोकॉल, और समग्र देखभाल के तरीकों पर प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया।


प्रशिक्षण के दौरान, डॉ.ए.के. रावत ने अपने दशकों के अनुभव को साझा किया और प्रतिभागियों को सैम (SAM) प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों को हम किस प्रकार अपने व्यावहार एवं अभिनव तकनीकों का उपयोग कर प्रबंधन कर सकते हैं। उन्होंने सैम (SAM) की पहचान और अवलोकन को सरल और प्रभावी बनाने के लिए नई तकनीकों का सुझाव दिया, जो न केवल NRC में बल्कि सामुदायिक स्तर पर भी उपयोगी सिद्ध होती है। उनकी इन रणनीतियों ने प्रतिभागियों को कुपोषण से ग्रसित बच्चों को बेहतर चिकित्सीय देखभाल और प्रबंधन में सहयोगी दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया।
यह प्रशिक्षण राज्य सरकार और यूनिसेफ एवं एनआरसी डॉ राम मनोहर लोहिया संस्थान के संयुक्त सहयोग से आयोजित किया गया। इस प्रकार के कार्यक्रमों का नियमित रूप से आयोजन करने से राज्य में सैम (SAM) से ग्रसित बच्चों की देखभाल एवं प्रबंधन में मदद मिलती है।

REPORTED BY SHAILENDRA SHARMA

PUBLISHED BY MANOJ KUMAR