17 साल बाद जेल से रिहा हुई दस्यु सुंदरी की कहानी

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औरैया (जनमत):-  उत्तर प्रदेश के जनपद औरैया के चंबल की सरगना और पूर्व दस्यु सुंदरी सरला जाटव 17 साल बाद जेल से रिहा हो गयी है। 11 साल की उम्र में उसका अपहरण हुआ था। सरला ब्रांडेड चश्में, लिपिस्टिक और जीन्स टी- शर्ट की शौकीन थी। वह 2005 से जेल में बंद थी। सरला पर अपहरण लूट और डकैती सहित 15 आपराधिक मुकदमे दर्ज थे। औरैया और इटावा पुलिस ने 25-25 हजार और मध्य प्रदेश पुलिस ने 5 हजार का इनाम घोषित किया था। साल 2005 में इटावा पुलिस ने सरला जाटव को गिरफ्तार किया था। बाद में इटावा कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई थी। वो कुख्यात सरगना निर्भय सिंह गुर्जर के दत्तक पुत्र श्याम जाटव की पत्नी है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद जेल से छूटी है। उसका भाई उसको लेने के लिए पहुँचा था।

मीडिया को देख कर दोनों भाई बहन छिपते दिखे फिर भागकर पास में खड़ी कार में बैठ कर रवाना हो गए। निर्भय सिंह गुर्जर ने दस्यु सुंदरी ने 11 साल की उम्र में सरला का अपहरण कर लिया था। दस्यु सुंदरी सरला औरैया जिले के न्यामतपुर गाँव  की रहने वाली थी। उसके पिता का नाम महाराम सिंह जाटव था। सरला दस्यु सरगना निर्भय सिंह गुर्जर की पत्नी बसंती (दूसरी पत्नी) की भतीजी थी। निर्भय ने साल 1994 में बसंती से शादी की थी। लेकिन वो मौका पाकर फरार हो गई। निर्भय उसे तलाश रहा था। साल 1999 में बसंती को ढूढ कर उसकी और उसके भाई की हत्या कर दी। इसके बाद बसंती के भाई की 11 साल की बेटी सरला की बेटी सरला को अपने साथ चंबल उठा लाया। 2 साल बाद निर्भय ने अपने दत्तक पुत्र श्याम जाटव से साथी करा दी।

 

उस समय सरला 13 साल की थी। तब से सरला दस्यु सुंदरी के रूप में पूरे चंबल में मशहूर हो गयी।  सूत्रों की माने तो शुरुआत में सरला कभी परेशान रहती थी मगर बाद में वहाँ के नियम कानून को उसने मजबूरी में स्वीकार कर लिया था सरला जाटव शादी के बाद निर्भय गुर्जर के गिरोह की सक्रिय सदस्य बन गई। श्याम और सरला निर्भर निर्भय गुर्जर के सबसे वफादार थे और गिरोह को भी वही चलाते थे। धीरे-धीरे सरला का चंबल में बोलबाला हो गया। कम उम्र की सरला बंदूक की कारतूस को कमर में लगाकर घूमने लगी।

नीलम गुप्ता ने बताया था की खतरनाक हथियार भी वह अपने पास रखने लगी थी। मीडिया में अक्सर उसकीं फ़ोटो AK-47 जैसे हथियारों के साथ वायरल होती थी। इसी बीच सहसों गाँव  से ही 6 किसानों का सामूहिक अपहरण कर लिया था। देखते ही देखते पुलिस ने उसके खिलाफ  अपहरण, लूट जैसे करीब 15 मुकदमे दर्ज कर दिए। निर्भय ने श्याम जाटव का 1996 को फिरौती के लिए अपहरण किया था। श्याम जाटव भी लूट और डकैती में शामिल हो गया था। 14 साल तक कानूनी प्रक्रिया के चलते जेल में बंद रहने के बाद औरैया कोर्ट ने 10 मई 2018 को अंतिम केस में बरी हो गया था। फिलहाल, श्याम कहाँ  है यह किसी को पता नहीं है।

Reported By :-  Arun Bajpayee

 

Published By :- Vishal Mishra