लखनऊ (जनमत):- भारतीय रेलवे के द्वारा (आईआरसीटीसी) IRCTC के हाथों में सौंपी गई भारत की पहली निजी ट्रेन तेजस एक्सप्रेस को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 से बीते वर्ष हरी झंडी दिखा कर इस का शुभ आरंभ किया था तो सभी के चेहरे खिल उठे थे| ये ट्रेन लखनऊ जंक्शन से नई दिल्ली के बीच चलती है| अत्याधुनिक तकनीक से लैस देश की पहली कारपोरेट ट्रेन अब कोरोना की भेंट चढ़ गई। आप को बता दे कि 22 नवंबर को तेजस एक्सप्रेस यात्रियों को सेवा देगी उसके बाद उसे अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया जायेगा|
कम यात्री होने की वजह से आईआरसीटीसी ने रेलवे बोर्ड को 23 नवंबर से ट्रेन को निरस्त करने के लिए पत्र लिखा था। बता दे कि ये पहला मामला है जब आईआरसीटीसी ने लखनऊ जंक्शन से नई दिल्ली के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस को निरस्त करने का आदेश जारी किया है। तेजस में 23 नवंबर से रोजाना केवल लगभग 20 से 25 यात्रियों ने ही बुकिंग कराई थी। जबकि आईआरसीटीसी को रोजाना 10 लाख रुपए रेलवे को मरम्मत का भुगतान करना पड़ रहा था। आईआरसीटीसी ने भारी घाटे से बचने के लिए लखनऊ नई दिल्ली तेजस को अगले आदेश तक निरस्त करने को पत्र लिखा। जिसके बाद यह ट्रेन निरस्त हो गई। तेजस एक्सप्रेस में सफर करने वाले यात्रियों को 10 लाख का रेल यात्रा बीमा नि शुल्क मुहैया कराया गया था|
वही अगर तेजस एक्सप्रेस एक घंटा लेट होती है तो यात्रियों को 100 रुपए और दो घंटे लेट होने पर 250 रुपए का धनवापसी मिलता था| ट्रेन में विश्वस्तरीय सुविधाएँ दी गई हैं। जैसे मूविंग टॉकीज, धूम्रपान करने पर अलार्म, ऑटोमैटिक ब्रेक, सभी सीटों पर अटेंडेंट को बुलाने के लिए बटन, किताब पढ़ने के लिए लाइट जलाने का बटन, खिड़की के पर्दे खोलने-बंद करने के लिए बटन, सेंसर लगे दरवाजे और डस्टबिन शामिल हैं। इसके अलावा ट्रेन की हर बोगी में 6 सीसीटीवी कैमरा लगे हैं। इमीजेंसी में ट्रेन को रोकने के लिए चेन की जगह हैंडल दिया गया है। हर बोगी में 1 मिनी किचन दिया गया है। ट्रेन के उद्घाटन के मौके पर योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि शारदीय नवरात्र में देश की पहली निजी ट्रेन की शुरुआत हो रही है। इसके लिए वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई देते हैं।