अयोध्या (जनमत ) :- उत्तर प्रदेश के जनपद अयोध्या में इस्लाम मजहब अमन शांति का मजहब है इमाम हुसैन ने दहशतगर्दी के खिलाफ लड़ी है। पहली जंग। रविवार को मोहर्रम का आगाज हो चुका है घर-घर इमामबाड़े सज गए हैं और मजलिस मातम का सिलसिला जारी है इसी कड़ी में पहली मोहर्रम को कई जुलूस निकाले गए जो अपने तयशुदा मार्गों से होते हुए अपने स्थान पर पहुंच कर खत्म हुए इसी कड़ी में चौक की मस्जिद हसन रजा खां से जुलूस उठकर राठ हवेली पर जाकर संपन्न हुआ इस मौके पर ताजिया दरान कमेटी के अध्यक्ष हसन इकबाल ने कहा यह दहशतगर्दी के खिलाफ एक जंग है |
अमन और शांति का पैगाम देने के लिए इमाम हुसैन ने अपने 72 साथियों की कुर्बानी 3 दिन के भूखे प्यासे रह कर दी है उन्होंने कहा किसी भी दौर में जुल्म नहीं रहा है जुल्म का खात्मा होना है चाहे जिस मज़हब में जुल्म करने वाले हो उसका खात्मा हुआ है और होगा इमाम हुसैन के अमन और शांति भाईचारे के पैगाम को हम लोग हर साल मोहर्रम के जरिए सीनों पर मातम करते हुए दुनिया को देते हैं क्योंकि अत्याचारी यजीद इस दुनिया में बुराई फैलाना चाहता था शराब जुआ और जितने भी गैर सामाजिक कार्य थे वह चाहता था कि हम अपने हुकूमत में लागू करें |
इसी बात का विरोध इमाम हुसैन कर रहे थे जिनको यजीद की फौज ने 3 दिन का भूखा प्यासा शहीद कर दिया तब से आज तक मजलूम इमाम हुसैन का गम हर इंसानियत पसंद हक पसंद लोग मनाते हैं आपको बताते चलें कि इमाम हुसैन का गम मनाने वालों में सिर्फ मुस्लिम ही नहीं है हर मजहब और मिल्लत के लोग बड़े ही अकीदत से इमाम हुसैन की शहादत का गम मनाते हैं।
Reported By – Azam Khan
Published By – Vishal Mishra