बरेली(जनमत):- मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, पूर्वोत्तर रेलवे, इज्जतनगर में हिंदी के महान साहित्यकार जनकवि नागार्जुन की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर मंडल राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक एवं गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें नागार्जुन के व्यक्तित्व एवं रचनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।कार्यक्रम का शुभारम्भ मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष पंत ने बाबा नागार्जुन के चित्र पर माल्यार्पण कर किया।
इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने कहा कि बाबा नागार्जुन की रचनाओं का दायरा बहुत विस्तृत है। वे ऐसे कवि हैं जिनकी कविताएँ गाँव की चैपालों और साहित्यिक दुनिया में समान रूप से लोकप्रिय हैं। उन्होंने अपने साहित्य द्वारा शोषण के विरुद्ध आवाज उठाई तथा पीड़ित मानवता को स्वर दिया। वे सत्ता, व्यवस्था और पूँजीवाद के प्रति आक्रोश व्यक्त करने में निरंतर अग्रणी रहे। मंडल को राजभाषा प्रयोग के क्षेत्र में अग्रणी बताते हुए उन्होंने सदस्यों से राजभाषा के प्रयोग और राजभाषा नीति के क्रियान्वयन के प्रति सदैव सजग रहने का आग्रह किया।
इससे पूर्व अपने स्वागत संबोधन में अपर मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन) अजय वार्ष्णेय ने साहित्यकार नागार्जुन के विषय में बताया कि उनकी कविताओं में आम जन के जीवन का चित्रण हुआ है। उनकी रचनाओं की विषयवस्तु प्रकृति, ग्रामीण जीवन की समस्याएँ, शोषण और संघर्ष की शक्ति है। बाबा नागार्जुन हिंदी और मैथिली के अप्रतिम कवि हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि हिंदी के प्रशंसनीय प्रयोग के लिए इज्जतनगर मंडल को सामूहिक पुरस्कार तथा अंतर्मंडलीय राजभाषा कार्यकुशलता ट्राफी प्राप्त हुई है।
बैठक में मंडल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर ललित मोहन पंत ने ‘सिग्नल एवं टेलीकॉम विफलताओं का विश्लेषण’ विषय पर पॉवर पॉइंट प्रस्तुति दी। इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक (इन्फ्रास्ट्रक्चर) विवेक गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ0. लक्ष्मी गुन्जियाल सहित अन्य शाखा अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए राजभाषा अधिकारी प्रभाकर मिश्र ने मंडल पर हिंदी प्रगति की समीक्षा प्रस्तुत की।