लखनऊ (जनमत) :- हम सभी जानते हैं की डाक्टरों को हमारे देश में भगवान् का दर्जा दिया जाता हैं चुकी ये हमारे जीवन की रक्षा करने के लिए दिन रात तैयार रहतें हैं. इस कोरोना काल में इन्ही रक्षकों ने जनता को कोरोना जैसी महामारी से बचाने का काम किया और हमेशा से ही डाक्टर ही हमारे जीवन की हर मुश्किल घडी में हमारे लिए संजीवनी साबित होतें हैं… इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे संजय गांधी पीजीआई आर्युविज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ आर के धीमान की जिनके एक वर्ष के कार्यकाल में इस संस्थान ने अभूतपूर्व कार्य कियें….
यूपी की राजधानी लखनऊ का एसजीपीजीआई संस्थान किसी पहचान का मोहताज नहीं हैं. इस संस्थान ने समय समय पर नये नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं. इसी कड़ी में डॉ आर के धीमान, एसजीपीजीआई लखनऊ संस्थान के निदेशक के रूप में फरवरी 2021 को एक वर्ष पूरा कर रहें हैं, इस दौरान जहाँ इन्होने एसजीपीजीआई की व्यवस्थाओं में अमूल चूल परिवर्तन कियें साथ ही वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान भी इस संस्थान ने इनके दिशा निर्देशन में अभूतपूर्व काम कियें हैं जिसकी सराहना भी की जाती रही है.इनकी देखरेख में देश में पहली बार पीजीआई ने न्यू सुपर स्पेशिएल्टी कोर्स (डीएम) शुरू किया और लीवर ट्रांसप्लांटेशन प्रोग्राम को लांच किया। डॉ धीमान को कई नेशनल और इंटरनेशनल अवार्ड मिल चुके हैं। साथ ही पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने इन्हें डॉ. बीसी राय नेशनल अवार्ड से सम्मानित कर चुकी हैं। 18 जून साल 2016 को उन्होंने पंजाब सरकार के साथ मिलकर प्रदेश के सभी फिजीशियन को हेपेटाइटिस सी का इलाज करने के लिए ट्रेंड किया। इसमें 22 जिला अस्पताल और तीन मेडिकल कालेज को शामिल किया।
इन्होने पूरे पंजाब में तीन साल के दौरान 80 हजार से ज्यादा हेपेटाइटिस सी से पीड़ित मरीजों का इलाज किया गया। प्रोग्राम इतना हिट रहा कि इसकी डब्ल्यूएचओ ने भी खूब तारीफ की। उसके बाद 28 जुलाई 2018 को तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. जगत प्रकाश नड्डा ने नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम पूरे देश के लिए लांच किया। इसकी गाइडलाइंस मुंबई में अमिताभ बच्चन ने लांच की, उस दौरान डॉ. धीमान भी मौजूद रहे।
POSTED BY:- ANKUSH PAL…
JANMAT NEWS, LUCKNOW.