कासगंज (जनमत):- उत्तर प्रदेश के जनपद कासगंज में 18 जनवरी से गायब 10 साल के बच्चें का शव मिलने से सनसनी फैल गई। आरोप है कि बच्चें का अपहरण हुआ था और अपहरणकर्ताओं ने परिजनों से 40 लाख रूपये की मांग की थी। रूपये न देने पर ही अपहरणकर्ताओं ने बड़ी बेरहमी से हत्या कर शव को एक खेत में फेक दिया। मामले में तीन अपहरणकर्ताओं के नाम सामने आये है। पुलिस ने तीनों बदमाशों को गिरफ्तार भी कर लिया। एक बदमाश ने भागने की कोशिश की थी जिसके चलते पुलिस से उसकी मुठभेड़ हो गई और मुठभेड़ में घायल होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
(मुठभेड़ में घायल बदमाश)
पुलिस ने मामले में फिरौती की बात सिरे से ख़ारिज किया है। 10 वर्षीय बच्चें के अपहरण के बाद हत्या करने की सनसनीखेज वारदात थाना सिढ़पुरा के पिथनपुर गांव की है। गांव निवासी किशनवीर का दस साल का बेटा लोकेश 18 जनवरी को घर के पास खेलते हुए गायब हो गया था। परिजनों ने बच्चें की तलाश की लेकिन कही भी उसका पता नहीं चला जिसके बाद परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। परिजनों के साथ पुलिस ने भी बच्चें की खोजबीन की लेकिन उसका पता न चल सका।
(जाँच करती पुलिस की टीम)
परिजनों का आरोप है कि अगले ही दिन किशनवीर के पास एक फोन आया और फोन करने वाले ने बच्चें की सकुशल बरामदगी के लिए 40 लाख रूपये की फिरौती मांगी। फिरौती की मांग पूरी न होने पर ही अपहरणकर्ताओं ने लोकेश की बड़ी बेरहमी से हत्या कर शव को थाना इलाके में ही एक खेत में फेक दिया। मामले में पुलिस ने फिरौती की बात को पूरी तरह से इंकार किया है। पुलिस के मुताबिक गुमराह करने के लिए बदमाशों ने फिरौती मांगने की बात कही थी। पुलिस अधिकारी मनोज कुमार सोनकर ने बताया कि गायब हुए बच्चें की तलाश के लिए पुलिस की 3 टीम गठित की गई थी।
(मृतक बच्चें की माँ )
गठित टीम के कड़े प्रयास के बाद पुलिस ने 36 घंटे में ही मामले का खुलासा कर दिया। पुलिस अधिकारी के मुताबिक राय बहादुर नाम के व्यक्ति का बच्चें के परिजनों से जमीन और ट्रांसफॉर्मर रखने का विवाद था। रंजिश के चलते ही राय बहादुर ने अमर पाल और अजय के साथ मिलकर बच्चें का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी। पुलिस अधिकारी मनोज कुमार सोनकर ने यह भी बताया कि तीनों बदमाश पुलिस की गिरफ्त में है। घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को सम्मानित करने की भी बात कही है।
(मृतक बच्चें की फाइल फ़ोटो)
यह सच है कि पुलिस अधिकारी ने 36 घण्टे के अंदर बदमाशों को गिरफ्तार करने का दावा तो कर दिया लेकिन उस माँ का इस दावे से भला क्या मतलब। अच्छा तब होता जब आरोपियों के साथ ही पुलिस उसके बच्चें को भी सकुशल बरामद कर लेती। फिलहाल बदमाशों को गिरफ्तार कर पुलिस अब अपनी पीठ थपथपा रही है।