लखनऊ (जनमत):- एक शातिर बदमाश को लखनऊ पुलिस तिहाड़ जेल से रिमांड पर लेकर आती है और पुलिस सुरक्षा के बीच ही बदमाश एक एसआई को घायल कर उनका सरकारी असलहा लूट लेता है। बाद उसी असलहे से पुलिस टीम पर फायर कर देता है। फायर करने के बाद भी पुलिस टीम बदमाश को आत्मसमपर्ण के लिए कहती है इसके बावजूद वह फिर से पुलिस टीम पर फायर झोंक देता है। जवाबी कार्रवाई में पुलिस टीम भी बदमाश पर फायर करती है जिसमे गोली लगने के बाद बदमाश घायल हो जाता है और बाद में हॉस्पिटल में ईलाज के दौरान उसकी मौत हो जाती है। यह किसी फिल्म की पटकथा नहीं है बल्कि लखनऊ पुलिस का वह बयान है जिसमे उसके द्वारा बताया जाता है कि कैसे एक शातिर बदमाश पुलिसिया कार्रवाई में ढेर हो गया।
लखनऊ के विभूतिखण्ड इलाके में सहारा हॉस्पिटल के पीछे खरगापुर क्रॉसिंग के पास पुलिसिया कार्रवाई में ढेर हुए बदमाश का नाम गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डॉक्टर है। लखनऊ के थाना विभूतिखण्ड इलाके में 6 जनवरी को जनपद मऊ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकाण्ड में गिरधारी मुख्य आरोपी और शूटर था। गिरधारी पर आरोप था कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर अजीत सिंह पर ताबड़तोड़ गोली दागकर हत्या की है। सनसनीखेज वारदात में शूटर के रूप में गिरधारी का नाम सामने आने के बाद लखनऊ पुलिस ने जब उसकी सरगर्मी से तलाश शुरू की तो बेहद नाटकीय ढंग से उसने दिल्ली में खुद को अवैध असलहा रखने के मामले में गिरफ्तार करा दिया। दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद होने के दौरान लखनऊ पुलिस उसे 3 दिन की रिमांड पर लखनऊ लाई थी।
गिरधारी की रिमांड 13 जनवरी से शुरू हुई थी और 16 जनवरी की सुबह 11 बजे खत्म होनी थी। रिमांड खत्म होने पहले ही पुलिस की जवाबी कार्रवाई में गिरधारी उर्फ डॉक्टर मारा गया। जॉइन्ट सीपी क्राइम नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि मुकदमा अपराध संख्या 15 /21 धारा 302,307, 120 – बी और 34 आईपीसी में अजीत सिंह हत्याकाण्ड में इस्तेमाल हुए असलहे को बरामद कराने के लिए पुलिस टीम गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डॉक्टर को घटना स्थल पर लेकर गई थी। सुबह तकरीबन ढाई बजे सहारा हॉस्पिटल के पीछे खरगापुर क्रॉसिंग पर पहुंचते ही गाड़ी से उतारते हुए गिरधारी ने सब इंस्पेक्टर अख्तर उस्मानी की नाक पर सिर से हमला कर उनको लहूलुहान कर उनका सरकारी असलहा लूट कर झाड़ियों के पीछें भाग गया। पुलिस पार्टी ने उसका पीछा किया तो गिरधारी ने एसआई अनिल सिंह पर फायर कर दिया। गोली एसआई अनिल सिंह के दाहिनें बाजू को छूते हुई निकल गई।
जॉइन्ट सीपी क्राइम नीलाब्जा चौधरी के मुताबिक सुबह तकरीबन ढाई बजे हुई घटना में 112 की सूचना पर पुलिस उपायुक्त पूर्वी संजीव सुमन समेत इलाकाई इंस्पेक्टर चंद्रशेखर सिंह के साथ ही तमाम पुलिस बल मौके पर पहुंचकर गिरधारी को आत्मसमपर्ण करने के लिए कहा लेकिन उसने पुलिस टीम पर फायर कर दिया। जवाबी कार्रवाई में अभियुक्त को भी गोली लगी जिसके चलते घायल हुआ गिरधारी वही गिर गया। पुलिस अधिकारी के मुताबिक एहतियात बरतते हुए जब पुलिस टीम घायल गिरधारी के पास गई तो उसकी सांसें चल रही थी। जिन्दा होने की उम्मीद में उसे तत्काल राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के ट्रामा सेंटर पर ले जाया गया जहा डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जॉइन्ट सीपी क्राइम नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि गिरधारी विश्वकर्मा ने इंस्पेक्टर विभूतिखण्ड चन्द्रशेखर सिंह पर भी गोली चलाई थी लेकिन बुलेटप्रूफ जैकेट पहने होने के कारण वह बाल – बाल बच गए।
Posted By:- Amitabh Chaubey