अयोध्या (जनमत):- रामनगरी अयोध्या के संत-समाज ने मंगलवार को मानस भवन ट्रस्ट रामघाट में अपने मन की बात कही।वही मन की बात में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर संत समाज ने गम्भीर आरोप लगाया है। अयोध्या संत समिति महामंत्री महंत पवनकुमार दास शास्त्री ने कहा कि जमीन खरीद-फरोख्त मामले में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अपनी निष्पक्षता सिद्ध करे, जिससे हर व्यक्ति का भ्रम दूर हो सके। ट्रस्ट के ऊपर कलंक लगा है। इसलिए उसे अपनी कलंकता को मिटाना होगा।जमीन खरीद मामले की उच्चस्तरीय जांच हो। भगवान श्री रामलला का मंदिर 5 सौ वर्षों की प्रतीक्षा के बाद बन रहा है।
(महंत पवनकुमार दास शास्त्री,महामंत्री संत समिति)
इससे साधु-संतों को ही नहीं बल्कि पूरे सनातन समाज को बहुत अपेक्षा है।वर्तमान में ट्रस्ट के ऊपर आरोप लग रहे हैं तो ट्रस्ट के पदाधिकारियों को अग्नि परीक्षा देनी चाहिए। क्योंकि जिन भगवान श्री राम का मंदिर बन रहा है। उनको भी समाज की जन भावना के अनुरूप माता सीता को त्यागना पड़ा था। इसलिए ट्रस्ट के पदाधिकारियों को चाहिए की जन भावनाओं का कद्र करते हुए और करोड़ों सनातन धर्म को मानने वालों और मंदिर निर्माण के लिए चंदा देने वालों के भावनाओं को समझते हुए जब तक आरोप की निष्पक्ष जांच ना हो। तब तक उन्हें पद मुक्त होकर जांच में सहयोग करना चाहिए।
उन्होंने कहा जो लोग आरोप लगा रहे हैं उनको पूरे प्रमाण के साथ कोर्ट में जाना चाहिए। वह लोग गलत बयानबाजी न करें। नही तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। वही रघुवंश संकल्प सेवा ट्रस्ट अध्यक्ष दिलीप दास त्यागी ने कहा आरोप गंभीर हैं। इसमें दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए। भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण के लिए हम सभी ने सहयोग किया। यहां तक कि अपने शिष्यों से सहयोग की अपील की थी। आज वह सब प्रश्न पूछ रहे हैं। इस प्रश्न का उत्तर मिलना चाहिए। सनातन धर्म को बचाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को आगे आकर ट्रस्ट पर लग रहे आरोप की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए।
Posted By:- Amitabh Chaubey Reported By:- Azam Khan