भगवान को खुश करना हो सकता है घातक, धुआं रहित सामग्री का करें उपयोग
कानपुर/जनमत। घर या मंदिर में पूजा करते समय भी आपको सावधानी बरतनी होगी। पूजा-अर्चना के दौरान जलायी जाने वाले धूप-अगरबत्ती का धुआं आपको खतरनाक बीमारी दे रहा है। वहीं, रात को सोते समय मच्छरों से सुरक्षा के लिए जलाया जाने वाला क्वायल का धुआं भी जहर है। श्वांस के माध्यम से यह घातक धुआं शरीर में प्रवेश करके अस्थमा जैसी बीमारी को जन्म दे रहा है। उपरोक्त जानकारी कांशीराम अस्पताल के वरिष्ठ चेस्ट फिजीशियन डाॅक्टर ओ0पी0 राय ने दी।
धुआं का कार्बन बना रहा गले में परत
पूजा के दौरान अगरबत्ती या फिर धूपबत्ती से निकलने वाला काला कार्बन युक्त धुआं श्वांस के माध्यम से अंदर पहुंचकर सबसे पहले गले में परत बनाता है। इससे आपको खरास की समस्या होती है। उसके बाद यही परत फेफड़ों में भी जमने लगती है। पहले तो पता नहीं चलता लेकिन बाद में श्वांस लेने में परेशानी होती है। जो आगे चलकर अस्थमा बनता है।
मंदिरों में पूजा-अर्चना करने में रखे विशेष सावधानी
घर की अपेक्षा मंदिरों में पूजा करते समय खास ध्यान रखने की आवश्यकता है। मंदिर में बड़ी संख्या में लोग आते है और धूप व अगरबत्ती जलाते है। इससे पूरे परिसर में कार्बन युक्त धुआं फैला होता है। इस दौरान जितना अधिक देर आप मंदिर में रहते है वे धुआं अंदर पहुंचता रहता है। अधिकांश समय आपको खांसी महसूस होती रहेगी।
घर पर पूजा के बाद न घुमाए धूपबत्ती
अक्सर घर के लोग पूजा के बाद धुआं निकलती धूपबत्ती पूरे घर में घुमाते है। ऐसा करने से उन्हें लगता है कि आवास से निगेटिव एलर्जी बाहर हो जायेगी। लेकिन वास्तविकता यह है कि घर के अंदर धुआं वाली अगरबत्ती के साथ चहलकदमी ही घातक बनती है।
वातारवरण में 200 प्रकार की एलर्जी है मौजूद
घर से लेकर बाहर या आफिस सभी स्थानों पर 200 प्रकार की एलर्जी वातावरण में मौजूद हैं। सिर्फ आपकी लापरवाही का इंतजार करती है। जैसे ही आपने असावधानी बरती। वह आपको अपने चपेट में ले लेती है। प्रयास करें कि घर से बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग करे।
एलर्जी की चपेट में आने के लक्ष्ण
अगर आप किसी भी एलर्जी की चपेट में है तो आप की सबसे पहले आंख लाल होगी। पलकों में सूजन आयेगी। गले में खरास महसूस होगी। थोड़ी-थोड़ी देर खांसी आयेगी। छींक आना और जुखाम महसूस होना भी संभव है। अगर शरीर में लालपन या फिर अचानक खुजली महसूस होती है। तो यह भी एलर्जी की चपेट में आने के संकेत है।
10 सिगरेट के बराबार एक अगरबत्ती का धुआं
चेस्ट फिजीशियन ने बताया कि अगरबत्ती का कार्बन युक्त धुआं दस सिगरेट के बराबर शरीर को क्षति पहुंचाता है। इसलिए इससे बचाव करते हुए सावधानी बरते और आरती के लिए दूसरी सामग्री का उपयोग करे।
इन चीजों से रखें सावधानी
धूपबत्ती, अगरबत्ती, मच्छर वाली क्वायल, अत्याधिक धूल वाले स्थान, प्रदूषण वाले स्थान, अधिक महकने वाले साबुन से, केमिकल युक्त क्रीम व मकान निर्माण वाले एरिया से। साथ ही माॅस्क का उपयोग करे। बावजूद अगर किसी प्रकार की परेशानी होती है तो चिकित्सक से परामर्श ले।
REPORTED BY – SURAJ DUBEY
PUBLISHED BY – MANOJ KUMAR