बुलंदशहर (जनमत):- सरकार भले ही बेसिक शिक्षा में बदलाव और शैक्षिक स्तर को सुधारने के लिए अपने अथक प्रयास और नई नई योजनाओं को लेकर गम्भीर है लेकिन शिक्षा में सुधार की बागडोर जिनके हाथ है वो गुरुजी तो कतई भी अपने आप को बदलने को तैयार नहीं है मामला बुलंदशहर के सराय छबीला के अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक विद्यालय का है जिसे सरकार ने अपग्रेड करके अंग्रेजी माध्यम किया और एक मोटा बजट भी लगाया लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात स्कूल बंद , टीचर नदारद और नाबालिग लड़की स्कूल परिसर में झाड़ू लगाती मिलती है जिसे इसकी एवज में 700 Rs का भुगतान भी होता है
ऐसे में ये साफ है कि सरकार की मंसा भले ही घर घर शिक्षा की अलख जगाने की हो लेकिन समाज को दिशा देने वाले कुछ ऐसे अध्यापक जिन्हें मासूम बच्ची की छूट चुकी पढ़ाई भी नही दिखाई देती है और तो और जिस स्कूल में उसे पढ़ाई करनी चाहिए उसी में वो झाड़ू लगा रही है और ये सब बालश्रम की श्रेणी में आता है .
इस प्रकरण पर जब हमने बीएसए साहब से बात की तो वो भी हर सवाल पर जांच के नाम का पर्दा डालने नजर आए. बीएसए साहब ने खण्ड शिक्षा अधिकारी लखावटी पुष्पेन्द्र कुमार सिंह को दी है वो बालश्रम, ऑनलाइन पढ़ाई ,स्टाफ की गैरहाजिरी, सहित सभी पहलुओं पर जांच करेंगे लेकिन ये अभी भी तय नहीं है कि सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी महत्वकांक्षी योजनाओं को ये लापरवाह अधिकारी कितनी गम्भीरता से लेते है.
Posted By:- Ankush Pal,
Reported By:- Satyaveer Singh, Bulandshahr.