कुशीनगर (जनमत):- उत्तर प्रदेश के जनपद कुशीनगर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर ऐतिहासिक नदी बांसी में कल करेंगे हज़ारों भक्त स्नान , बता दे कि बांसी नदी की मान्यता ऐतिहासिक है | जिसमें कहते है कि सौ बार काशी एक बार बांसी यानि कि वाराणसी में स्नान का जितना महत्व होता है उतना ही महत्व एक बार बांसी नदी में स्नान करने का होता है |
बांसी नदी की मान्यता की बात करे तो इस नदी का ऐतिहासिक इतिहास भगवान श्री राम से जुड़ा हुआ है |मान्यताओं की माने तो भगवान श्रीराम जब नेपाल के जनकपुर से बारात लेकर माता सीता के साथ अयोध्या बारातियों के साथ लौट रहे थे तो इसी बांसी नदी के तट पर भगवान राम ने एक रात बिताई थी स्नान भी किये थे |
कुशीनगर जिले के बिहार सीमा पर स्थित बांसी नदी बिहार से उत्तरप्रदेश की सीमा से होकर गुजरती है, हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन हज़ारो श्रद्धालु भक्त बांसी नदी में डुबकी लगाकर और दान देकर मोक्ष की प्राप्ति करते है |
भगवान श्रीराम ने इसी बांसी के जल से भगवान शिव की पूजा अर्चना की थी | जिससे इस बांसी नदी के किनारे घाट को रामघाट का नाम दिया गया है । रामघाट पर कल लगने वाले मेले और हज़ारों की संख्या में जुटने वाले भक्तों की भीड़ को लेकर प्रशासन अलर्ट है |