लखनऊ (जनमत) :- उत्तर प्रदेश उपनिरीक्षक एवं समकक्ष सीधी भर्ती 2016 के सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल याचिका Diary No. 42361/2019 STATE OF UP VS ATUL KUMAR DWIVEDI के दिनांक 5/02/2021 से सुरक्षित निर्णय को निर्गत कराने के क्रम में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में उचित विधिक कार्यवाही एवं अंतरिम नियुक्ति के संबंध में प्रशिक्षुओं ने रोजगार दिए जाने कि मांग को लेकर प्रदर्शन किया. उपरोक्त भर्ती के अभ्यर्थी दिनांक 24 जून 2019 से दिनांक 28 जून 2020 तक 12 माह का कठिन प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत 28 जून 2020 को अपने घर वापस कर दिए गए थे माननीय सर्वोच्च न्यायालय में दिनांक 5/02/2021 से निर्णय सुरक्षित है जिसके अब तक जजमेंट को जल्दी डिलीवर कराने के लिए चयन संस्था उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा एक बार भी मेन केस Diary No. 42361/2019 STATE OF UP VS ATUL KUMAR DWIVEDI मे र्मेशनिंग नहीं कराई गई है।
वहीँ प्रशिक्षुओं कि माने तो अभ्यर्थी विगत 14 माह से घर पर रहकर विभिन्न प्रकार की सामाजिक, आर्थिक और पारिवारिक प्रताड़नाओं का सामना कर रहे हैं प्रशिक्षु महिला अभ्यर्थियों को पारिवारिक, सामाजिक और आर्थिक यातनाओं का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान हमारे दो प्रशिक्षु भाई शशांक चौधरी और वरुण प्रधान का घर पर निवास करते हुए देहावसान भी हो गया है। काफी सारे प्रशिक्षु अभ्यर्थी पहले से सरकारी सेवाओं में थे पर अब उनका लियन पीरियड खत्म हो चुका है जिससे उनकी पूर्व विभाग में वापसी संभव नहीं है। इसलिए सर्वोच्च न्यायालय में सुरक्षित परिणाम Diary No. 42361/2019 STATE OF UP VS ATUL KUMAR DWIVEDI में परिणाम जल्दी जारी हो इसके लिए सरकार की तरफ से मेशनिंग कराई जाए और प्रशिक्षण प्राप्त दरोगाओ की नियुक्ति कराये जाने की मांग को लेकर प्रशिक्षुओं ने प्रदर्शन किया.
PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL..