मैनपुरी (जनमत):- 8 सूत्री मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में लेखपाल 16 दिनों से आज भी धरने पर बैठे हुए जिससे आम लोगों को बड़ी मुश्किलों से गुजरना पड़ रहा है लेखपालों के काम पर ना आने पर ना तो लोगों के फर्द खतौनी मिलती है और ना ही मूल निवास प्रमाण पत्र बन रहे हैं यहां तक जमीन से जुड़े सभी दस्तावेज लेने देने की कार्य सभी रुके हुए हैं लेखपालों की पुनः वापसी के लिए जिला अधिकारी के आदेश अनुसार धरने पर बैठे पांच नामजद लेखपालों के अलावा सौ अज्ञात लेखपालों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की जा चुकी थी बीते बुधवार को जिलाधिकारी ने लेखपालों की सेवा समाप्त का अल्टीमेटम भी दे दिया इसके बाद भी धरना बदस्तूर जारी रहा है|
जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह के कड़े निर्देशों के बावजूद भी लेखपालों का मनोबल थमने का नाम नहीं ले रहा है जिला अधिकारी की ओर से दिए गए अल्टीमेटम के बाद भी गुरुवार को जिले भर के लेखपाल अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर शीतला माता मंदिर के सामने बने पांडाल में लगातार हड़ताल पर बैठे रहे। लेखपालों ने शीतला माता मंदिर को अपना धरना स्थल बनाया है। गुरुवार को भी लगातार लेखपाल हड़ताल पर रहे और जमकर नारेबाजी की लेखपालों को जिला अधिकारी की ओर से बुधवार 12:00 बजे तक हड़ताल खत्म करने का आदेश दिया गया था और वापस काम पर लौटने को कहा गया था ।लेकिन ऐसा नहीं हुआ सिर्फ दो लेखपाल ही वापस काम पर लौटे हैं।
लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष उमाशंकर शाक्य का कहना है कि प्रशासनिक स्तर से जो कार्यवाही करनी थी वह की जा रही है । हम लोगों को अपराधी साबित कर दिया गया है अब वापसी का सवाल ही नहीं है ।आज गुरुवार को भी लेखपाल धरना स्थल पर पहुंचे और हड़ताल पर बैठे उधर अटेवा संगठन के जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह का भी कहना है कि उनका संगठन भी लेखपालों के साथ है। उनकी सभी मांगे जायज है और आंदोलन शांतिपूर्ण है हमारा संगठन भी धरने में सहयोग करेगा।इस संबंध में लेखपाल संघ अध्यक्ष उमाशंकर शाक्य ने बताया कि जब तक मुख्यमंत्री जी हमारे पदाधिकारियों से बुलाकर सकारात्मक बातचीत करें तभी पूरे प्रदेश में यह धरना रुकेगा।