लखनऊ (जनमत) :- आमतौर पर खाकी की संवेदनहीनता या फिर कहे कि उनकी करतूतों की खबरे ही सुनने में मिलती है तो इनके प्रति अकारण ही नफरत का भाव पैदा हो जाता है। लेकिन कभी – कभी ऐसी भी घटनाये हो जाती है जो हमें यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि आखिर पुलिस के प्रति इतनी नफरत ही क्यों। पांचो उंगलिया तो बराबर नहीं हो सकती है। ठीक इसी तरह सभी पुलिस कर्मी भी एक जैसे नहीं होते। ऐसे पुलिस हम जैसे ही होते है जो बेहद संवेदनशील के साथ ही समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाते है। ऐसे ही पुलिस कर्मी लखनऊ के कोतवाली कैसरबाग में भी देखने को मिले।
दरअसल कोतवाली परिसर में ही तारों के बीच दो कौव्वे फसें थे और जान बचाने की जद्दोजहद में लगे हुए थे। बावजूद वह तार के जंजाल से खुद को मुक्त नहीं करा पाए । इसी बीच कोतवाली प्रभारी की नज़र दोनों निरीह बेजुबान पर पड़ी तो वह जैसे व्याकुल हो उठे और दोनों को मुक्त कराने की ठान ली। फिर क्या था प्रभारी के निर्देश के बाद कई पुलिस कर्मियों ने कौव्वो को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया।
बॉस और रस्सी के जरिये ऑपरेशन में जुटे पुलिस कर्मियों की कड़ी मेहनत रंग लाइ और दोनों कौव्वे तार के जंजाल से मुक्त हो गए। ये पक्षी बेजुबान थे वर्ना मौत के मुँह से निकलने के बाद यह ऑपरेशन में लगे पुलिस कर्मियों को जरूर आशीष देते। फिलहाल पुलिस कर्मियों की यह पहल वाकई में किसी मिसाल से कम नहीं है।
Posted By :- Ankush Pal