गोरखपुर (जनमत):- यूपी में जहाँ बिन मौसम बरसात ने लोगो का जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है. वहीँ अक्टूबर मे आयी बाढ़ ने किसानों के सपनों क़ो पानी मे डुबो दिया. कटने के कगार पर खड़ी पकी फसलें बाढ़ की भेंट चढ़ गयी और किसानों की उम्मीदों की बलि चढ़ गयी. गोरखपुर मे राप्ती, रोहिन एवं आमी नदी की बाढ़ से हजारों एकड़ खड़ी फ़सल बर्बाद हो चुकी है. अपनी फ़सल डूबते होते देख असहाय किसान अपना माथा पीट रहे हैं.
बाढ़ का पानी कई सड़कों पर चढ़ गया जिससे आवागमन प्रभावित हो गया है. जंगल कौड़िया जसवल मार्ग के तुर्कवालिया और ताल लिखिया के बीच बाढ़ का पानी चढ़ गया है. दिन प्रतिदिन जलस्तर बढ़ रहा है. बड़े वाहनों का आवागमन जारी है जिससे बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई है . बाढ़ के पानी से किसानो की फसल उनकी आँखों के सामने डूब रही है जिससे उनकी आँखों में आँसू के सिवाय और कुछ दिखाई नही दे रहा है.
जिन फसलों के सहारे वो अपनी जीविका चलाते हैं और घर, गृहस्थी के अपने सभी कार्य सम्पन्न कराने की उम्मीद पालते हैं वही उम्मीदें आज बाढ़ की बलि चढ़ रही हैं. कुछ किसान अपनी जान जोखिम मे डाल क़र अपनी फ़सल बचाने का असफल प्रयास भी क़र रहे हैं.क्षेत्र के किसान विनोद मौर्या, रामचन्दर जायसवाल, जयप्रकाश गुप्ता ,पन्नेलाल निषाद, रामबेलाश जायसवाल, सुधीर भारती ,विवेक भारती, मनमोहन भारती ,बबलू भारती ,सुनील जायसवाल आदि ने कहा कि बाढ़ ऐसे समय आयी है ज़ब किसान अपनी पकी फ़सल काट क़र घर लाने की व्यवस्था मे लगा था लेकिन अचानक आयी बाढ़ ने सब फ़सल बर्बाद क़र दिया.
REPORT- AJEET SINGH…
PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…