लखनऊ (जनमत):- कोरोना काल में केंद्र और राज्य सरकार ने लोगों से अपील की थी की कोई संस्थान ऐसे समय में अपने कर्मचारियों को नौकरी से न निकाले। वैसे तो केंद्र सरकार ने कोरोना काल में इसी तरह के बहुत से दावे किये थे लेकिन अधिकतर दावे हवा – हवाई ही साबित हुए है। अब इन्हे ही देख लीजिये। ये लखनऊ स्थित बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के कर्मचारी है।
इनको बिना बताये और बिना नोटिस दिए परिसर में ड्यूटी करने से रोक दिया गया है। ऐसे कर्मचारियों की संख्या 300 से भी अधिक है। जब इनको ड्यूटी करने से रोका गया तो नाराज़ कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय के गेट नंबर पर एकजुट होकर हंगामा करना शुरू कर दिया। आरोप है कि कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन भी नहीं मिला जिसके कारण कर्मचारी और उनका परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच चुका है।
नाराज़ कर्मचारियों ने वेतन देने की मांग की है। नाराज़ और परेशान कर्मचारी भीषण गर्मी में विश्वविद्यालय परिसर के बाहर अपने हक़ की आवाज़ को बुलंद कर रहे थे लेकिन इनकी सुनने वाला फिलहाल कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पंहुचा।
Posted By:- Amitabh Chaubey