अलीगढ़ (जनमत):- दुनिया को भयभीत करने वाला कोरोना वायरस के चलते हिंदुस्तान में भी लॉकडाउन घोषित है। इस लॉक डाउन के दौरान लोगों को कितनी समस्याएं का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ रहा है जो 2 जून की रोटी के लिए अपना घर बार छोड़ सैकड़ों हजारों किलोमीटर दूर दूसरे प्रदेशों में मेहनत मजदूरी कर रहे हैं। इस लॉक डाउन से उनकी मजदूरी बंद है। कमाई का कोई साधन नहीं है। रोटी के भी लाले पड़े हैं। ऐसे में जहां रहते हैं वहां मकान मालिक ने किराए की वजह से निकाल दिया। वहां भी रहने का कोई ठिकाना नहीं है। ऐसे में यह लोग अब अपने अपने घरों के लिए प्रस्थान करने लगे हैं। लाखों की तादात में मजदूरों ने अपने परिवारों के साथ पैदल ही पलायन करना शुरू कर दिया। कुछ प्रदेशों में सरकारों ने ऐसे मजदूरों के लिए ट्रेन भी चलवाई, बस भी चलवाई ताकि मजदूरों को समस्या ना हो।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 48 लोगों का एक जत्था साइकिल पर सामान लादकर पैदल ही अपने घर मध्यप्रदेश के लिए जा रहा था पूछने पर उन्होंने बताया कि वह अंबाला शहर से करीब 10- 12 दिन पहले चले हैं ,और आज अलीगढ़ पहुंचे हैं। आगे भी उनको अभी काफी दूर मध्य प्रदेश जाना है। सबसे हैरानी की बात यह है कि इन 48 लोगों में बच्चे,जवान व औरतें सब शामिल हैं और इतना ही नहीं इन 48 लोगों के साथ एक वह महिला भी थी जो 9 माह की गर्भवती थी। रास्ते में चलते चलते उसको दर्द हुआ और उसने एक बच्चे को भी जन्म दे दिया। अब वह बच्चा 7 दिनों का हो गया है। ऐसी स्थिति में यह लोग किन हालातों में जीने को मजबूर हैं। खाने का कोई पता नहीं, ठहरने का कोई ठिकाना नहीं। बस चलते जाना है पैदल अपनी मंजिल की ओर।
अंबाला से पैदल चलकर अलीगढ़ पहुंची मध्य प्रदेश की रहने वाली महिला मजदूर फूलवती ने कहा कि कुछ पुलिस वाले आए थे और हम लोगों से कहा कि अपना सामान पैक करो सामान उठाकर यहां से बाहर जाओ कहां जाएंगे बाहर और पुलिस वालों ने बोला कि यहां क्यों रुके हुए हो अपना सारा सामान उठाओ और शहर से बाहर जाओ और अपने साथ इस महिला के दो लड़कों को पुलिस वाले साथ ले गए अंबाला से पैदल चलकर आ रहे मजदूर ओमप्रकाश की आंखों में भय और डर का माहौल देखा जा सकता है वहीं अब इन मजदूरों को डर सता रहा है कि कहीं पैदल चलते चलते इनके बच्चे रास्ते में ना मर जाए रास्ते में अगर चलते चलते हम लोगों को पानी ना मिलेगा खाना ना मिलेगा तो चलते चलते कहीं रास्ते दरअसल अलीगढ़ में आज कुछ परिवारों के 48 लोगों के एक जत्थे को साइकिल पर सामान लादकर पैदल जाते हुए देखा। इसमें महिलाओं की गोद में छोटे-छोटे बच्चे थे।
इन लोगों का दर्द यह था कि यह अंबाला में मेहनत मजदूरी करके अपना पेट भरते थे। लेकिन इतना लंबा समय लॉक डाउन को हो गया। कमाई पूरी तरह से बंद हो चुकी थी। मकान मालिक ने भी बाहर निकलने की कह दिया। तो यह लोग अपने अपने अपने घर अंबाला से मध्यप्रदेश के लिए पैदल ही चल दिए। इनमे शामिल एक महिला मान कुमारी ने बताया कि 7 दिन पूर्व उसको रास्ते में चलते हुए दर्द हुआ और जिसके बाद उसके डिलीवरी हो गई। अब 7 दिन के बच्चे को लेकर वह पैदल पैदल अपने घर मध्य प्रदेश के लिए जा रही है। वही उनके साथ के लोगों का कहना था कि वह अंबाला में मेहनत मजदूरी करके अपने अपने परिवार का पेट भर रहे थे लेकिन कमाई बन्द होने के बाद अब अपने घर मध्य प्रदेश लौट रहे हैं।