महराजगंज (जनमत):- उत्तर प्रदेश में जनपद अमेठी के थाना जामो इलाके की रहने वाली सोफिया और उसकी बेटी गुड़िया द्वारा लखनऊ में विधानभवन के सामने 17 जुलाई की शाम को आत्मदाह करने की घटना के बाद भी लखनऊ पुलिस ने सबक नहीं लिया। माँ – बेटी द्वारा आत्मदाह करने के प्रयास की घटना में 50 वर्षीय सोफिया की ईलाज के दौरान मौत हो गई थी। सनसनीखेज घटना के बाद कमिश्नरी लखनऊ के पुलिस प्रशासन द्वारा लोकभवन, विधानभवन और उसके आस – पास के इलाकों में 24 घण्टे सुरक्षा कर्मियों की तैनाती कर दी गई थी।
(प्रदीप गुप्ता,एसपी महराजगंज)
दावा किया गया था कि आत्मदाह या फिर आत्मदाह के प्रयास की घटना को अब रोका जा सकेगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब महराजगंज की एक महिला ने पुलिस सिक्योरिटी को ठेंगा दिखाते हुए लोकभवन और भाजपा प्रदेश कार्यालय के बाहर विधानभवन के सामने ज्वलनशील पदार्थ डालकर खुद को आग के हवाले कर लिया। जब तक महिला को बचाया जाता तब तक वह बुरी तरह से जल चुकी थी। आनन – फानन में महिला को लखनऊ के सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया जहा उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। हॉस्पिटल के डाक्टरों के मुताबिक महिला 90 प्रतिशत तक जल चुकी है। अमेठी के बाद महराजगंज की महिला द्वारा आत्मदाह के प्रयास की घटना से सभी हलकान है। दोनों ही घटना में कॉमन एक बात यह है कि दोनों ही घटना में पुलिस ने पीड़ितों की फरियाद को अनसुना कर दिया था और यही वजह थी कि पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर पीड़ितों को लखनऊ में आत्मदाह का प्रयास करना पड़ा।
महराजगंज वाली महिला के द्वारा लखनऊ में भाजपा कार्यालय के बाहर आत्मदाह करने के प्रयास की घटना की बात की जाये तो पीड़ित महिला अंजलि तिवारी मूलरूप से झारखण्ड की रहने वाली है। वर्ष 2014 में अंजलि की शादी जनपद महराजगंज निवासी अखिलेश तिवारी से हुई थी। कुछ साल साथ में रहने के बाद दोनों के रिश्तो में दूरिया बढ़ी तो दोनों ने अपने – अपने अलग रास्ते चुने लिए। बाद में अंजलि तिवारी महराजगंज निवासी आसिफ के सम्पर्क में आई। दोनों में नज़दीकिया बढ़ी तो अंजलि ने धर्म परिवर्तन कर आसिफ से निकाह कर लिया। आसिफ से निकाह के बाद अंजलि का नया नाम आयशा हो गया। जानकारी के मुताबिक शादी के कुछ समय बीत जाने के बाद आसिफ खाड़ी देश चला गया लेकिन इस दौरान वह अंजलि को उसके खर्चे के लिए वहा से रूपये भेजता रहा।
आरोप है कि बाद में आसिफ ने खाड़ी देश से रूपये भेजना बंद कर दिया था। अंजलि से आयशा बनी पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आसिफ के घर वाले उसे अपने साथ नहीं रखना चाहते है। इस मामले में उसने महराजगंज पुलिस से शिकायत की लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में इंसाफ की आस में पीड़िता लखनऊ आ गई और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की कोशिश की लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई। अंत में जब कोई रास्ता नहीं दिखा तो अंजलि से आयशा बनी पीड़िता ने भाजपा प्रदेश कार्यालय के बाहर खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली।
घटना से पहले पीड़िता वहा पेट्रोल के साथ पहुंच गई लेकिन 24 घंटे वहा की सुरक्षा करने वाले पुलिस कर्मियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। ये वही पुलिस कर्मी थे जिनकी तैनाती ही सिर्फ आत्मदाह के प्रयास के घटना को रोकना था। फिलहाल इस घटना के बाद लखनऊ से लेकर महारगंज पुलिस में हड़कम्प मचा हुआ है।