बुलंदशहर (जनमत):- यूपी में संगठित अपराध, गोकशी, जैसे स्याह धंधों से कमाए अवैध धन से अर्जित की गई संपत्तियों को माफ़िया अब बचा नहीं सकेंगे। सीएम योगी के निर्देश पर हो रही कार्रवाई के बाद बुलंदशहर में गैंगस्टर एक्ट कोर्ट ने भी ज़िला प्रशासन द्वारा गैंगस्टर-गोकश मक़सूद पर 14(1) के तहत हुई कुर्की की करवाई को सही ठहराया है।
दरअसल, गैंगस्टर अधिनियम की धारा 14(1) द्वारा कुर्क की गई संपत्ति को बचाने के लिए गुलावठी के पीर खां निवासी गोकश मकसूद ने गैंगस्टर एक्ट कोर्ट में अपील की थी, अपील में गोकश ने प्रशासन द्वारा कुर्क की गई क़रीब 9 लाख 18 हज़ार की संपत्ति को अपने पिता की संपत्ति होना दर्शाया था। मग़र गोकश मक़सूद कोर्ट में कोई ऐसा साक्ष्य पेश नहीं कर पाया जिससे यह साबित हो सके कि संपत्ति अवैध धंधो से कमाए गए धन से अर्जित नहीं हुई है। इसीलिए विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर अधिनियम बुलंदशहर ने DM द्वारा पारित कुर्की के आदेश को पुष्ट करते हुए कार्रवाई को सही बताया है।
गोकश मक़सूद ने अपील में ये दलील दीं…..?
मक़सूद ने 13 जनवरी 2023 से को अपनी आपत्ती मय शपथपत्र पेश करते हुए अपील में कहा, कि ज़िला प्रशासन ने उस संपत्ति को कुर्क किया है जिसका मालिकाना हक़ उसके पिता अब्दुल हक का है, जबकि जिस मकान को कुर्क किया गया, उसमें मक़सूद का कोई हक नहीं है। अपील में मक़सूद ने दावा किया कि क़रीब 9 लाख 18 हज़ार की क़ीमत वाले जिस मकान को कुर्क किया गया वह उसके पिता ने क़रीब 34 साल पहले बनवाया था जबकि मकान में कोई पुनःनिर्माण नहीं किया गया है। अपील में विपक्षी मक़सूद ने गैंगस्टर एक 14(1) कार्रवाई को एकपक्षीय व नियम के विरुद्ध बताया था।
जांच में क्या आया सामने….?
राज्य की ओर से अभियोजन द्वारा उपरोक्त आपत्ति का विरोध करते हुए ये कहा गया कि विद्वान जिलाधिकारी द्वारा समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए प्रश्नगत संपत्ति को कुर्क करने का आदेश पारित किया गया है।
बता दें कि गैंगस्टर एक्ट कोर्ट में पुलिस-प्रशासन द्वारा पेश किये गए तमाम सबूतों से साबित होता है कि गैंगस्टर मक़सूद एक शातिर किस्म का अपराधी है, तथा उसका 8 मुकदमों का वृहद आपराधिक इतिहास है, जिसमें मकसूद के विरुद्ध एनडीपीएस अधिनियम, गोवध निवारण अधिनियम, गुंडा अधिनियम, घर में चोरी जैसे मुकदमे पंजीकृत है। सबूतों के आधार पर यह भी साबित हुआ अपराधिक वारदातों से कमाए अवैध धन से कुर्क किए गए मकान का पुनः निर्माण भी कराया गया था।
एफवीओ- तमाम सबूतों के बाद कोर्ट इस नतीजे पर पहुंचा कि गोकश मकसूद के अपराधिक इतिहास से स्पष्ट है कि उसके द्वारा वर्ष 2018 से चोरी, गौवध व नशीले पदार्थ संबधी अपराध किए गए हैं जिनका प्रथम दृष्टया उद्देश्य अवैध आर्थिक व भौतिक लाभ प्राप्त करना स्पष्ट है।इसी के चलते विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर अधिनियम बुलंदशहर प्रशांत मित्तल ने गोकश के मक़सूद की अपील को ख़ारिज करते हुए सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है।