कानपुर देहात(जनमत). कानपुर देहात में ग्राम प्रधान की शह पर सचिव ने आवास देने के बहाने एक बेबस मजबूर ओर मुफ़लिस दलित महिला को अपनी हवस का निवाला बना डाला दरअसल मजबूर दलित महिला सरकारी आवास पाने के लिए प्रधान ओर सचिव की चौखटों के चक्कर काट रही थी लिहाज़ा बेबसी ओर लाचारी का फायदा उठाते हुए प्रधान ने दलित महिला को सरकारी कार्यालय में बुलाया और दलित महिला को अंदर भेज कर बाहर से दरवाजा बंद कर दिया जिसके बाद अंदर मौजूद वहशी ग्राम सचिव ने जोर जबरदस्ती कर दलित महिला की अस्मत लूट ली पुलिस ने प्रधान ओर सचिव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है लेकिन दोनों आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर है
दरअसल ये दलित महिला प्रधानमंत्री आवास पाने के लिए सरकारी कार्यालय के चक्कर काट रही थी जिसका फायदा ग्राम प्रधान ने खूब उठाया सचिव विकास बाबू को खुश करने के लिए दलित महिला को प्रधान अरुण अवस्थी ने सरकारी कार्यालय बुलाया ओर कहा साहब है ये तुम्हे सरकारी आवास दे देंगे बस इतना कह कर प्रधान ने बाहर से दरवाज़ा बन्द कर लिया अंदर सचिव विकास बाबू थे दलित महिला खुशी हो कर बोली कि साहब कहा साइन कर दु तो साहब बोले कि लो मेरा सीना ओर इस पर साइन कर दो दलित महिला भौचक्की रह गयी बस सचिव साहब उस पर टूट पड़े दलित महिला चिल्लाती रही लेकिन सचिव विकास बाबू को तरस नही आया और सचिव विकास बाबू ने दलित महिला की सरकारी कार्यालय में अस्मत लूट ली
दलित महिला रसूलाबाद थाने पहुची ओर अपने साथ हुई वहशताना वारदात को बयां किया लेकिन रसूलाबाद पुलिस ने मुकदमा लिखने के बजाए थाने से बैरंग लौटा दिया ये सिलसिला लगभग एक सप्ताह चलता रहा लेकिन रसूलाबाद पुलिस का दिल नही पसीजा रसूलाबाद पुलिस ने मुकदमा लिखना तो दूर की बात दलित महिला की एन सी आर तक दर्ज नही की क्योंकि मामला रसूखदार प्रधान ओर सचिव के खिलाफ था लिहाज़ा दलित महिला ने जब ज़िले के वरिष्ठ अधिकारियों से फरियाद की तब मुकदमा दर्ज हुआ लेकिन आरोपी ग्राम प्रधान ओर सचिव अभी भी खुलेआम घूम रहे है
बड़ा सवाल की सरकार ने जिन अधिकारियों को मुफ़लिस गरीब लोगों की रहनुमाई के लिए बैठाया है वही वहशी दरिंदो की शक्ल एख्तियार कर लेंगे तो गरीब आदमी किस्से उम्मीद लगाएगा ज़रूरत है ऐसे अधिकारियों को सख्त से सख्त सजा देनी चहिये ता की इस तरह की हरकत को अंजाम देने वालो के लिए सबक हो|