देश-विदेश (जनमत) :- आरक्षित वर्ग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने बड़ा बयां दिया है. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केरल में निचली अदालतों में आरक्षित वर्ग से एक भी जज के चयन नहीं होने पर अपनी तारफ से चिंता जाहिर की। दरअसल केरल हाईकोर्ट को आरक्षित वर्ग से एक भी ऐसा उम्मीदवार नहीं मिला जो निचली अदालतों में न्यायिक अधिकारी के लिए निर्धारित न्यूनतम अंक हासिल कर पाया हो। इसे लेकर ही मुख्या न्यायाधीश ने कहा है की आरक्षित वर्ग ख़ास तौर पर एससी/ एसटी के लिए मनको को और सरल किये जाने की ज़रुरत है.
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वहीँ इस मामले में हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि प्रारंभिक परीक्षा में पास होने के लिए न्यूनतम 35 फीसदी अंक और मुख्य परीक्षा में पास होने के लिए 40 फीसदी अंक निर्धारित किए गए थे। सिर्फ तीन परीक्षार्थी इंटरव्यू तक पहुंच पाए और इनमें से कोई भी न्यायिक अधिकारी के पद के योग्य ही नहीं पाया गया, जो वास्ताव में चिंता का विषय है, इसी को लेकर मुख्या न्यायाधीश ने बयान दिया है की कहीं न कहीं ऐसे वर्ग के लिए मनको को सरल किये जाने की ज़रुरत है.