कुशीनगर(जनमत) :- मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसले से उड़ान होती है…..उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के कसया क्षेत्र में ध्रुव शर्मा अपने चौराहे पर गुमटी रख कर नाई का काम करके किसी तरह से अपने परिवार को चला रहें थे लेकिन वो कुछ साल पहले ही लकवा के शिकार हो गए और दूकान बंद हो गई… परिवार में एक तरफ रोटी के लाले पड गए तो दूसरी तरफ बीमार ध्रुव के ईलाज का खर्च भी परिवार के सामने पहाड़ बनकर खड़ा हो गया……वहीँ इन समस्याओं के बीच धुर्व की बेटियाँ ही परिवार का सहारा बनकर उभरी…
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बेटियों ने आखिरकार हिम्मत का परिचय दिया और बंद गुमटी को खोलने की ठान ली… और बेटियों ने अपनी मेहनत के बल पर 5 साल में छोटी सी दुकान को ही सैलून बना दिया…… आज दोनों बहनें सैलून की दुकान चला रही हैं……. वहीँ बड़ी बहन ने बताया कि ये काम इसलिए भी मुश्किल था क्योंकि पिता की बीमारी का इलाज चल रहा था और गांव में दाढ़ी बनाने का काम आदमी ही करते थे… लेकिन इन बहनों ने इस काम के लिए अपना पूरा हुलिया बदल कर लड़कों जैसे कपड़े पहने और वैसा ही बर्ताव करने लगी…. आज दोनों बहनों की कमाई से ना सिर्फ घर का खर्च चल रहा है बल्की वे अपने पिता का इलाज भी करवा रही हैं…... यदि सरकार इन्हें आर्थिक मदद करती है तो यह दोनों मेंस पार्लर की जगह व्यूटी पार्लर की दूकान कर अपने भविष्य को संवार सकती है.