प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का किया उद्घाटन
विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का उद्घाटन किया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार भी उद्घाटन में शामिल हुए।
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नई दिल्ली। विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का उद्घाटन किया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार भी उद्घाटन में शामिल हुए।
98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन किया गया। इस बीच एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शरद पवार का गर्मजोशी से स्वागत किया और राजनीति में नए नेता को इससे सीखने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने शरद पवार को कुर्सी पर बैठने में मदद करते देखा गया। गिलास से पानी निकालकर पीने को दी। कार्यक्रम के एक वीडियो में पीएम मोदी को शरद पवार के साथ प्रवेश करते और मंच पर कुर्सी पर बैठने में मदद करते देखा गया। दर्शक लगातार तालियां बजा रहे थे।
98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन एक भाषा या राज्य तक सीमित आयोजन नहीं है, मराठी साहित्य के इस सम्मेलन में आजादी की लड़ाई की महक है। उन्होंने कहा कि इसमें महाराष्ट्र और राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि 100 वर्ष पहले जिस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का बीज बोया गया था, वह आज एक वट वृक्ष के रूप में भारत की महान संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचा रहा है और यह उनका सौभाग्य है कि उनके जैसे लाखों लोगों को इस संगठन ने देश के लिए जीने की प्रेरणा दी है।
राष्ट्रीय राजधानी स्थित विज्ञान भवन में आयोजित 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि मराठी भाषा अमृत से भी बढ़कर मीठी है और वह इस भाषा को बोलने का प्रयास और इसके नए शब्दों को सीखने की कोशिश निरंतर करते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आरएसएस के कारण ही उन्हें मराठी भाषा और मराठी परंपरा से जुड़ने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन ऐसे समय हो रहा है जब छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूरे हुए हैं, जब अहिल्याबाई होल्कर की जयंती का 300वां वर्ष है और कुछ ही समय पहले बाबा साहेब आंबेडकर के प्रयासों से बने देश के संविधान ने भी अपने 75 वर्ष पूरे किए हैं।
उन्होंने कहा, 'आज हम इस बात पर भी गर्व करेंगे कि महाराष्ट्र की धरती पर मराठी भाषी एक महापुरुष ने 100 वर्ष पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बीज बोया था। आज ये एक वट वृक्ष के रूप में अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है।' उन्होंने कहा, 'वेद से विवेकानंद तक' भारत की महान परंपरा और संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक संस्कार यज्ञ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले 100 वर्षों से चला रहा है।
मेरा सौभाग्य है कि मेरे जैसे लाखों लोगों को आरएसएस ने देश के लिए जीने की प्रेरणा दी है। संघ के ही कारण मुझे मराठी भाषा और मराठी परंपरा से जुड़ने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ है। डॉ केशव बलिराम हेडगेवार ने युवाओं के एक चुनिंदा समूह के साथ वर्ष 1925 में विजयादशमी के दिन आरएसएस की स्थापना की थी। हेडगेवार का जन्म नागपुर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। इसका मुख्यालय नागपुर में ही है।
आरएसएस को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का वैचारिक संरक्षक माना जाता है। पिछले दिनों राजधानी स्थित झंडेवालान में आरएसएस के पुराने कार्यालय के पुन:निर्माण के बाद उद्घाटन किया गया था। पौने चार एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में फैले नव निर्मित परिसर में तीन 13-मंजिला टॉवर और करीब 300 कक्ष एवं कार्यालय हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान पिछले दिनों मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने का भी उल्लेख किया और कहा कि देश और दुनिया में 12 करोड़ मराठी भाषी लोगों को इसका दशकों से इंतजार था। उन्होंने कहा, 'यह काम पूरा करने का अवसर मुझे मिला। मैं इसे अपने जीवन का बड़ा सौभाग्य मानता हूं।'
PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR