यूपीआई से जुड़ी बड़ी खबर: आज से कम हुआ रिस्पॉन्स टाइम, 1 जुलाई से लागू होंगे नए नियम
डिजिटल लेन-देन की सुविधा देने वाले यूपीआई (UPI) ने लोगों के पैसे भेजने और पाने के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है। भारत में अब बड़ी संख्या में लोग रोजमर्रा के भुगतान यूपीआई के माध्यम से करते हैं।
Tech News:डिजिटल लेन-देन की सुविधा देने वाले यूपीआई (UPI) ने लोगों के पैसे भेजने और पाने के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है। भारत में अब बड़ी संख्या में लोग रोजमर्रा के भुगतान यूपीआई के माध्यम से करते हैं। इसे और अधिक तेज़ और प्रभावशाली बनाने के लिए अब नई तकनीकी व्यवस्था लागू की जा रही है।
16 जून 2025 से UPI ट्रांजैक्शन का रिस्पॉन्स टाइम पहले के मुकाबले काफी कम कर दिया गया है, जिससे भुगतान में लगने वाला समय घट जाएगा। वहीं, 1 जुलाई से बैलेंस चेक, ऑटोमैटिक पेमेंट और अकाउंट लिस्टिंग जैसी सुविधाओं में भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 26 अप्रैल 2025 को इस दिशा में आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा था कि वे ट्रांजेक्शन के प्रदर्शन में सुधार लाने पर काम कर रहे हैं। यह बदलाव विभिन्न बैंकों, पेमेंट ऐप जैसे गूगल पे, फोनपे और पेटीएम के लिए भी फायदेमंद साबित होंगे।
क्या-क्या बदला गया है?
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रिस्पॉन्स टाइम कम हुआ: ट्रांजेक्शन रिक्वेस्ट और रिस्पॉन्स की प्रक्रिया का समय 30 सेकंड से घटाकर 10 सेकंड कर दिया गया है।
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वैलिड एड्रेस पर प्रतिक्रिया का समय: अब 15 सेकंड की बजाय सिर्फ 10 सेकंड में प्रतिक्रिया मिलेगी।
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बैंक सिस्टम में बदलाव की ज़रूरत: एनपीसीआई ने सभी सदस्यों को अपने सिस्टम में आवश्यक अपग्रेड करने को कहा है, ताकि वे नए रिस्पॉन्स टाइम का लाभ ले सकें।
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बैलेंस चेक लिमिट: अब एक दिन में सिर्फ 50 बार बैलेंस चेक किया जा सकेगा।
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अकाउंट लिस्ट सर्च: लिस्ट अकाउंट फीचर के तहत प्रति ग्राहक प्रति ऐप 25 बार तक अकाउंट सर्च किया जा सकेगा।
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मैंडेट नियमों में बदलाव: हर मैंडेट के लिए सिर्फ एक प्रयास मिलेगा। यदि वह असफल होता है, तो तीन बार और कोशिश की अनुमति होगी — लेकिन यह पीक टाइम पर लागू नहीं होगा।
पीक टाइम क्या है?
NPCI के अनुसार, पीक टाइम वे घंटे होते हैं जब सबसे अधिक यूपीआई ट्रांजेक्शन होते हैं – सुबह 10:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और शाम 5:00 बजे से रात 9:30 बजे तक।

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