ब्राह्मणों के बाद हाईकोर्ट... संतोष वर्मा पर टूटा सरकार का सब्र; 'पावर' खत्म, जाएगी IAS की कुर्सी?
मध्य प्रदेश में तैनात IAS अधिकारी संतोष वर्मा को लेकर लंबे इंतजार के बाद आखिरकार सरकार के सब्र का बांध टूट गया। उनके खिलाफ गुरुवार देर रात मोहन यादव सरकार ने सख्त एक्शन ले लिया है।
भोपाल/जनमत न्यूज़। मध्य प्रदेश में तैनात IAS अधिकारी संतोष वर्मा को लेकर लंबे इंतजार के बाद आखिरकार सरकार के सब्र का बांध टूट गया। उनके खिलाफ गुरुवार देर रात मोहन यादव सरकार ने सख्त एक्शन ले लिया है।
सरकार ने संतोष वर्मा को पूरी तरह से बेकाम कर दिया है। अब इनके पास कोई काम नहीं है। उन्हें किसान एवं कृषि कल्याण विभाग के उप सचिव पद से हटाकर सामान्य प्रशासन विभाग में बिना काम के अटैच कर दिया गया है। अब वह सिर्फ कार्यालय जाएंगे लेकिन उनके पास कोई काम नहीं होगा।
बर्खास्त करने की तैयारी
संतोष वर्मा पर पहले से आरोप है कि उन्होंने कूटरचित दस्तावेजों के सहारे आईएएस कैडर में प्रमोशन लिया है। जिसे लेकर इनको जेल भी हुई थी। रीवा सांसद समेत ने कई लोगों ने शिकायत भी की थी। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
इसी आधार राज्य सरकार केंद्र को इन्हें बर्खास्त करने की सिफारिश भेजेगी। साथ ही सरकार की तरफ से जो नोटिस इन्हें भेजा गया था, उसके जवाब भी संतोषजनक नहीं हैं। राज्य सरकार ने इनके खिलाफ चार्जशीट जारी करने का निर्णय लिया है।
प्रमोशन भी रुक गया
यही नहीं, विवादों की वजह से संतोष वर्मा का प्रमोशन भी रुक गया है। वह अभी उप सचिव थे और अपर सचिव बनने वाले थे। विवादों की वजह से मामला यहां अटक गया है। इनके खिलाफ एक क्रिमिनल केस और दो विभागीय जांच भी पेंडिंग है।
दरअसल, संतोष वर्मा के बयान को लेकर पूरे देश में बवाल चल रहा था मगर वो सुधरने का नाम नहीं ले रहे थे। सरकारी नोटिस के बावजूद वह बेतुके बयान दे रहे थे। साथ ही अब हद पार करने लगे थे। ब्राह्मणों के बाद आईएएस संतोष वर्मा कोर्ट पर टिप्पणी करने लगे थे। ऐसे में सरकार के लिए वह मुसीबत बनते जा रहे थे।
हाईकोर्ट पर उठाए सवाल
संतोष वर्मा के बयान के बाद ब्राह्मण समाज में आक्रोश था। लगातार सरकार से कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बाद सरकार ने सिर्फ उन्हें नोटिस जारी किया था। नोटिस जारी करने के बावजूद वह विवादित बयान दे रहे थे।
उन्होंने सांसद चंद्रशेखर आजाद के सुर में सुर मिलाते हुए कहा था कि कितने संतोष वर्मा को मारोगे, हर घर से एक संतोष वर्मा निकलेगा। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट पर सवाल उठाया। साथ ही संतोष वर्मा ने कहा कि एससी-एसटी को हाईकोर्ट सिविल जज नहीं बनने दे रहा है। यह आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद था।
टूट गया सरकार का सब्र
आईएएस संतोष वर्मा के इन बयानों से सरकार असहज हो रही थी। चेतावनी के बाद भी यह सुधरने का नाम नहीं ले रहे थे। इसके बाद गुरुवार रात 11 बजे सरकार ने सख्त कार्रवाई की है।
अफेयर की वजहों से भी चर्चा में रहे
अपने बयानों के साथ-साथ संतोष वर्मा अफेयर की वजह से भी चर्चा में रहे हैं। उन पर अलग-अलग जगहों पर पदस्थापना के दौरान आरोप लगे। इंदौर में एक महिला ने पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दी थी। शादीशुदा होने के बावजूद संतोष वर्मा का कई महिलाओं के साथ कथित रूप से संबंध रहा है।

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