जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू परिवार को राहत, CBI की इस मांग पर कोर्ट ने टाल दी सुनवाई
दिल्ली राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत जमीन के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू परिवार सहित अन्य आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने पर सुनवाई टाल दी।
नई दिल्ली/जनमत न्यूज़। दिल्ली राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत जमीन के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव सहित अन्य आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने पर सुनवाई टाल दी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सभी आरोपितों की स्थिति बताने को लेकर कोर्ट से समय मांगा। मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी। इससे पहले, दो बार मामले में की सुनवाई टल चुकी है। पिछली सुनवाई के दौरान 8 दिसंबर को सीबीआई ने अदालत को आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों से जुड़े कथित नौकरी के बदले जमीन घोटाले में विभिन्न आरोपियों की स्थिति वेरिफाई करने के लिए समय मांगा था।
स्पेशल सीबीआई जज विशाल गोगने इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं कि आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं या नहीं। इससे पहले, 4 दिसंबर को सीबीआई को मामले में आरोपियों की स्थिति वेरिफाई करने के बाद एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया था।
दरअसल, मामले 103 आरोपियों में से चार की मौत हो चुकी है। सीबीआई ने दावा किया है कि नियुक्तियां नियमों का उल्लंघन करके की गईं और इस लेन-देन में बेनामी संपत्तियां शामिल थीं। वहीं, आरोपियों ने मामले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए आरोपों से इनकार किया है।
क्या है मामला?
एजेंसी का आरोप है कि वर्ष 2004 से 2009 के बीच जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब जबलपुर स्थित पश्चिम-मध्य रेलवे जोन के ग्रुप-डी पदों पर नियुक्तियां नियमों के खिलाफ की गईं।
एजेंसी का दावा है कि जिन उम्मीदवारों को नौकरी दी गई, उनके पक्ष में बदले में जमीन के टुकड़े लालू परिवार या उनके करीबियों के नाम पर उपहार स्वरूप स्थानांतरित किए गए। सीबीआई ने इसे बेहिसाब संपत्ति, नियमों का उल्लंघन, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार का मामला बताया है।

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