भारत-पाक तनाव का असर: चंडीगढ़ हाई कोर्ट में कामकाज ठप, चीफ जस्टिस ने जताई नाराज़गी

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर अब आम जनजीवन पर भी साफ दिखने लगा है। देश के कई इलाकों में हवाई उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, वहीं चंडीगढ़, सिरसा से अमृतसर और कटरा जाने वाली रोडवेज बसों की सेवाएं भी स्थगित कर दी गई हैं।

भारत-पाक तनाव का असर: चंडीगढ़ हाई कोर्ट में कामकाज ठप, चीफ जस्टिस ने जताई नाराज़गी
Published By: Satish Kashyap

नई दिल्ली (जनमत): भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर अब आम जनजीवन पर भी साफ दिखने लगा है। देश के कई इलाकों में हवाई उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, वहीं चंडीगढ़, सिरसा से अमृतसर और कटरा जाने वाली रोडवेज बसों की सेवाएं भी स्थगित कर दी गई हैं। इससे चंडीगढ़ में पढ़ाई कर रहे कई छात्र-छात्राओं ने अपने घरों को लौटना शुरू कर दिया है।

इस तनाव का असर चंडीगढ़ स्थित पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पर भी पड़ा है। वकीलों की संस्था हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने शुक्रवार, 9 मई को दोनों देशों के बीच उपजे हालात के चलते न्यायिक कार्य से विराम लेने का निर्णय लिया। लेकिन इस फैसले को हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू ने कोर्ट रूम में ही कठोर शब्दों में खारिज किया।

जस्टिस नागू ने बार एसोसिएशन के कामकाज बंद करने के फैसले पर नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा, "जब देश की सेना सीमा पर संघर्ष कर रही है, तब आप लोग घर में रहकर आराम करना चाहते हैं? यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।" उन्होंने आगे कहा कि ऐसे समय में न्याय व्यवस्था को और अधिक सक्रिय रहना चाहिए, न कि ठप होना चाहिए।

बार एसोसिएशन द्वारा काम बंद करने की वजह से शुक्रवार को वकीलों की अनुपस्थिति रही, जिससे कोर्ट में कई मामलों की सुनवाई स्थगित करनी पड़ी। जब पंजाब और हरियाणा के बीच जल विवाद पर सुनवाई हो रही थी, तब पंजाब सरकार के वकील ने इस कार्य स्थगन का हवाला देकर सुनवाई टालने की मांग की, जिससे जस्टिस नागू और अधिक नाराज़ हुए।

वकील ने यह भी कहा कि पंचकूला में सुबह सायरन बजने लगे थे और लोगों की आवाजाही सीमित हो गई है। इस पर कोर्ट ने कहा कि वकील घर से भी काम कर सकते हैं, क्योंकि हमारे पास वर्चुअल प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं।

जल विवाद की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार शाम 4 बजे तय की।