हरदोई में भाजपा विधायक का निर्वाचन आयोग पर सवाल, SIR और पंचायत मतदाता सूची संशोधन पर जताया असंतोष

विधायक श्याम प्रकाश ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि “SIR और पंचायत की मतदाता सूची, दोनों का संशोधन कार्य एक साथ और अत्यधिक जल्दबाजी में कराया जा रहा है। इससे गांव के लोगों में बड़ा कंफ्यूजन उत्पन्न हो गया है।”

हरदोई में भाजपा विधायक का निर्वाचन आयोग पर सवाल, SIR और पंचायत मतदाता सूची संशोधन पर जताया असंतोष
PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR

हरदोई से सुनील कुमार की रिपोर्ट —

हरदोई/जनमत न्यूज। उत्तर प्रदेश में आगामी चुनावों की तैयारियों के बीच निर्वाचन आयोग द्वारा संचालित SIR अभियान और पंचायत मतदाता सूची संशोधन के कार्य को लेकर हरदोई में सत्ताधारी दल के एक विधायक ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। भाजपा विधायक श्याम प्रकाश ने फेसबुक पर एक पोस्ट करते हुए इस प्रक्रिया पर नाराज़गी जताई, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।

विधायक श्याम प्रकाश ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि “SIR और पंचायत की मतदाता सूची, दोनों का संशोधन कार्य एक साथ और अत्यधिक जल्दबाजी में कराया जा रहा है। इससे गांव के लोगों में बड़ा कंफ्यूजन उत्पन्न हो गया है।” उन्होंने आगे लिखा कि यह स्थिति निर्वाचन आयोग और संबंधित अधिकारियों की “अनुभवहीनता और मूर्खता” का परिणाम है? इस कथन के अंत में उन्होंने प्रश्नवाचक चिन्ह लगाकर प्रणाली पर सवाल खड़े किए।

विधायक के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। सत्ताधारी दल के ही विधायक द्वारा प्रशासनिक व्यवस्था और निर्वाचन आयोग जैसी संवैधानिक संस्था पर सवाल उठाए जाने को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। जानकारों का कहना है कि दोनों संशोधन कार्य एक साथ होने से बीएलओ (BLO) और ग्रामीणों पर कार्यभार बढ़ा है, जिसके चलते त्रुटियों की संभावना भी बढ़ सकती है।

गांवों में कई जगह दोहरी प्रक्रियाओं के चलते मतदाताओं में भ्रम की स्थिति सामने आ रही है। ग्रामीणों के अनुसार, उन्हें समझ नहीं आ पा रहा कि कौन से दस्तावेज़ किस प्रक्रिया में आवश्यक हैं, जिससे संशोधन कार्य में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।

इस पूरे प्रकरण पर अब तक न तो निर्वाचन आयोग और न ही स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने आई है। हालांकि, विधायक की यह टिप्पणी आगामी चुनावी माहौल में सियासी चर्चा का मुद्दा बन गई है। सोशल मीडिया पर भी लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं—कुछ लोग विधायक की बातों का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ इस बयान को राजनीतिक उद्देश्य से जोड़कर देख रहे हैं।

फिलहाल, देखना यह होगा कि निर्वाचन आयोग इस मामले पर क्या रुख अपनाता है और क्या संशोधन कार्य की प्रक्रिया में कोई बदलाव किया जाता है या नहीं।