अमेरिका बना रहा है नया परमाणु बम, हिरोशिमा से 24 गुना ज़्यादा ताकतवर
US Plan to Make Modern Nuclear Weapons: दुनियाभर में परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने की बात करने वाला अमेरिका अब खुद एक अत्यंत शक्तिशाली परमाणु बम तैयार कर रहा है।

देश/विदेश (जनमत): दुनियाभर में परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने की बात करने वाला अमेरिका अब खुद एक अत्यंत शक्तिशाली परमाणु बम तैयार कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन (NNSA) के अधिकारियों ने इस परियोजना की पुष्टि कर दी है। अधिकारियों के अनुसार, यह नया परमाणु बम द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा पर गिराए गए बम से लगभग 24 गुना अधिक विनाशकारी होगा। इसका अर्थ है कि यह हथियार अकेले ही कई शहरों को पूरी तरह तबाह कर सकता है।
NNSA ने बताया है कि यह परियोजना अपनी तय समयसीमा से काफी आगे चल रही है। फॉक्स न्यूज को दिए गए एक बयान में NNSA के प्रवक्ता ने कहा कि “B61-13 नामक यह नया परमाणु गुरुत्वाकर्षण बम, पुराने B61 मॉडल का उन्नत संस्करण है और इसकी पहली उत्पादन इकाई मौजूदा वित्तीय वर्ष में ही तैयार कर ली जाएगी।”
यह वही अमेरिका है जिसने भारत और पाकिस्तान जैसे देशों के परमाणु परीक्षणों का विरोध किया था, और उत्तर कोरिया और ईरान जैसे देशों पर प्रतिबंधों की बौछार कर दी थी। अब वही अमेरिका खुद अत्याधुनिक और अत्यंत विध्वंसक परमाणु हथियार बना रहा है।
प्रवक्ता के मुताबिक, “B61-13 बम अमेरिका के परमाणु भंडार की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता बनाए रखने की दिशा में एक अहम कदम है। यह हथियार विशेष रूप से ऐसे सैन्य ठिकानों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो अधिक सुरक्षा वाले और बड़े क्षेत्र में फैले होते हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि B61-12 कार्यक्रम के तहत जो तकनीकी और निर्माण संबंधी प्रक्रियाएं विकसित की गई थीं, उनका उपयोग इस नए हथियार के उत्पादन में तेजी लाने के लिए किया गया है। इस नई प्रणाली में कई अत्याधुनिक तकनीकों को शामिल किया गया है, जिससे इसकी प्रभावशीलता और निर्माण की रफ्तार दोनों बढ़ गई हैं।
फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2023 में बाइडेन प्रशासन के कार्यकाल में की गई थी और यह तय समय से करीब 7 महीने पहले पूरा हो जाएगा। अमेरिकी रक्षा विभाग ने 2023 में कहा था कि इस हथियार का निर्माण संभावित विरोधियों को रोकने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इससे पहले, 2022 में जारी एक समीक्षा रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि चीन और रूस तेजी से अपने परमाणु हथियारों का भंडार बढ़ा रहे हैं।
ध्यान देने वाली बात यह है कि हिरोशिमा पर गिराया गया बम लगभग 15 किलोटन का था, जबकि B61-13 की अनुमानित क्षमता करीब 360 किलोटन बताई जा रही है। यानी यह नया बम न केवल पहले से कहीं अधिक घातक है, बल्कि तकनीकी रूप से भी कहीं अधिक परिष्कृत है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस बम का विकास सैंडिया नेशनल लेबोरेटरीज में किया जा रहा है। लॉस एलामोस नेशनल लेबोरेटरी और अमेरिकी वायुसेना भी इस परियोजना में शामिल हैं। इसे तात्कालिक सुरक्षा चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उच्च प्राथमिकता दी जा रही है, जिसके चलते इसका निर्माण निर्धारित समय से पहले पूरा किया जा रहा है।