बिहार चुनाव: इन 6 सीटों पर जो पार्टी जीती उसी की बनी सरकार, 1977 से है ट्रेंड
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बंपर वोटिंग के बाद आज परिणाम सामने आएंगे, जिससे साफ हो जाएगा कि बिहार में किसकी सरकार बनने जा रही है।
पटना/जनमत न्यूज़। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बंपर वोटिंग के बाद आज परिणाम सामने आएंगे, जिससे साफ हो जाएगा कि बिहार में किसकी सरकार बनने जा रही है। इसको लेकर वोटों की गिनती जारी है। बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए किसी दल या गठबंधन के पास 122 सीटें होना जरूरी है।
शुरुआती रुझानों में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को भारी बढ़त मिलती नज़र आ रही है. 243 सीटों में NDA को 162 पर बढ़त नज़र आ रही है जबकि महागठबंधन 77 सीटों पर आगे है.
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना का काम जारी है। इस बीच हम बिहार की उन 6 सीटों के बारे में बताने वाले हैं, जहां एक तरह से यह ट्रेंड स्थापित हो चुका है कि जो पार्टी या गठबंधन इन सीटों से चुनाव जीतता है, राज्य में उसी की सरकार बनती है।
1977 के बिहार विधानसभा चुनाव से यह सीटें ऐसे ही संकेत देते रहे हैं। देखने वाली बात ये होगी क्या इस बार भी यही ट्रेंड काम करेगा। इन 6 सीटों में केवटी, सकरा, सहरसा, मुंगेर, बरबीघा और पिपरा विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
केवटी विधानसभा
बिहार में इस समय विधानसभा की 243 सीटें हैं। पहले हम दरभंगा जिले की केवटी विधानसभा सीट की चर्चा करते हैं। इस सीट का ट्रैक रिकॉर्ड 100% सरकार बनवाने वाला रहा है। 2020 में भी यह सीट बीजेपी के खाते में गई और जेडीयू की अगुवाई में नीतीश कुमार की सरकार बनी। यहां बीजेपी के मुरारी मोहन झा ने आरजेडी के फर्ज फातमी को हराया था।
सहरसा विधानसभा
मिथिलांचल के पूर्वी इलाके सहरसा विधानसभा सीट भी वैसा ही विधानसभा है, जहां से जीतने वाले विधायक को सत्ताधारी दल की विधायकी करने का सौभाग्य प्राप्त होने का एक ट्रेंड सा बना हुआ है। 2020 में यहां से बीजेपी के आलोक रंजन झा ने जीत दर्ज की थी। इस बार भी वह मैदान में हैं, जिनके खिलाफ महागठबंधन से आईआईपी ने इंद्रजीत गुप्ता को उतारा है।
सकरा विधानसभा
इसी तरह से मुजफ्फरपुर की सकरा विधानसभा सीट का भी नाम सरकार बनवाने वाली सीट के तौर पर लिया जा सकता है। इस सीट ने सिर्फ 1985 में ट्रेंड बदला था। तब यहां लोकदल के शिवनंदन पासवान जीते थे, लेकिन सरकार कांग्रेस की बनी थी। पिछली बार यहां जेडीयू जीती थी।
मुंगेर विधानसभा
मुंगेर विधानसभा सीट में सिर्फ एक बार 1985 में अलग रिजल्ट आया था। तब यहां लोकदल जीती था, लेकिन सरकार की बनी थी। 2020 में यहां से बीजेपी के प्रणय कुमार यादव ने जीत दर्ज की थी।
पिपरा विधानसभा
पूर्वी चंपारण की पिपरा सीट पर भी आमतौर पर सत्ताधारी दल को ही जीत मिलती रही है। लेकिन, 2015 में यहां से बीजेपी के श्यामबाबू प्रसाद यादव जीते थे, लेकिन सरकार महागठबंधन की बनी थी। हालांकि बाद में नीतीश बीजेपी के साथ आकर सरकार बना लिए थे। इस बार भी यादव यहां से सीटिंह एमएलए हैं और सीपीएम के राजमंगल प्रसाद के खिलाफ चुनाव चुनाव मैदान में हैं।
बरबीघा विधानसभा
बरबीघा विधानसभा का भी वही सरकार बनवाने वाला ट्रेंड रहा है। इस सीट पर 1977 में जनता पार्टी जीती थी और उसके बाद 2000 तक कांग्रेस जीतती रही। 2020 में यह सीट जेडीयू के खाते में आई थी।

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