थाईलैंड की सड़कों पर AI रोबोट पुलिस की तैनाती, हाई-टेक 'Cyborg 1.0' कर रहा निगरानी

थाईलैंड की रॉयल पुलिस ने तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाते हुए अपने बल में "AI Police Cyborg 1.0" नामक एक रोबोटिक पुलिस अधिकारी को शामिल किया है।

थाईलैंड की सड़कों पर AI रोबोट पुलिस की तैनाती, हाई-टेक 'Cyborg 1.0' कर रहा निगरानी
Published By: Satish Kashyap

Tech News: थाईलैंड की रॉयल पुलिस ने तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाते हुए अपने बल में "AI Police Cyborg 1.0" नामक एक रोबोटिक पुलिस अधिकारी को शामिल किया है। इसकी जानकारी रॉयल पुलिस द्वारा साझा की गई एक फेसबुक पोस्ट के जरिए सामने आई, जिसमें बताया गया कि यह रोबोट मुआंग जिले के टोनसन रोड पर ड्यूटी निभा रहा है।

पोस्ट में जारी तस्वीरों में यह रोबोट पुलिस की वर्दी में दिखाई दे रहा है, जो किसी भी आम पुलिसकर्मी जैसा नजर आता है। AI तकनीक से लैस यह रोबोकॉप सुरक्षा के लिहाज से कई अत्याधुनिक खूबियों के साथ आता है, जो इसे बेहद खास बनाती हैं।

इस हाई-टेक पुलिस रोबोट को नाखोन पाथोम प्रोविंसियल पुलिस, प्रोविंसियल पुलिस कमांड 7 और नाखोन पाथोम नगर निगम की साझेदारी से तैनात किया गया है। इसकी सबसे बड़ी ताकत यह है कि यह आसपास लगे CCTV कैमरों, ड्रोन और अपने 360 डिग्री कैमरे से लगातार निगरानी कर सकता है।

इसमें फेस रिकग्निशन, हथियार पहचान प्रणाली, और व्यवहार विश्लेषण जैसी AI क्षमताएं हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह रोबोट असली और नकली बंदूक में फर्क करने में सक्षम है और साथ ही हिंसक गतिविधियों को भी पहचान सकता है।

रॉयल थाईलैंड पुलिस के मुताबिक, इसे एक विशेष कमांड और कंट्रोल सेंटर से जोड़ा गया है, जिससे यह सीधे पुलिस नियंत्रण में काम करता है। इसका मुख्य उद्देश्य है – जन सुरक्षा सुनिश्चित करना। यह तकनीक बड़े आयोजनों में भीड़ नियंत्रण और निगरानी के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती है।

हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि इस प्रकार की तकनीक का उपयोग असहमति जताने वाले कार्यकर्ताओं पर नज़र रखने और कार्रवाई करने के लिए किया जा सकता है। बीते समय में पुलिस की ऐसी कार्रवाइयां सामने आई हैं, जिनमें उन्होंने प्रदर्शनों के दौरान सख्त रवैया अपनाया।

जानकारों का यह भी कहना है कि AI Police Cyborg 1.0 अभी चल-फिर नहीं सकता, इसलिए इसका उपयोग एक जगह स्थिर रूप में निगरानी के लिए किया जाएगा। ऐसे में फिलहाल इससे डरने की जरूरत नहीं, बल्कि इसे सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक और तकनीकी प्रयास माना जा सकता है।