UPI मेटा से बदलेगा डिजिटल पेमेंट का तरीका
फोनपे, गूगल पे और पेटीएम जैसे लोकप्रिय यूपीआई ऐप्स का इस्तेमाल करने वाले करोड़ों यूज़र्स को जल्द ही एक नया तोहफा मिल सकता है।

Tech News: फोनपे, गूगल पे और पेटीएम जैसे लोकप्रिय यूपीआई ऐप्स का इस्तेमाल करने वाले करोड़ों यूज़र्स को जल्द ही एक नया तोहफा मिल सकता है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) एक ऐसे नए फीचर पर काम कर रहा है, जिससे ऑनलाइन पेमेंट और भी आसान हो जाएगा।
इस नई सुविधा का नाम 'UPI मेटा' बताया जा रहा है। इसके तहत यूज़र्स अपनी UPI ID को पसंदीदा वेबसाइट्स और ऐप्स पर सेव कर सकेंगे – जैसे शॉपिंग साइट्स, टिकट बुकिंग ऐप्स या फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म। इससे फायदा यह होगा कि हर बार पेमेंट करते समय यूपीआई आईडी डालने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। यह सेव्ड कार्ड डिटेल्स की तरह अपने-आप स्क्रीन पर आ जाएगी और पेमेंट चुटकियों में हो सकेगा।
ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का अनुभव होगा और आसान
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, अभी यह फीचर शुरुआती स्टेज पर है और NPCI इस पर इंडस्ट्री के विशेषज्ञों और पेमेंट कंपनियों से बातचीत कर रहा है। अगर प्रतिक्रिया सकारात्मक रही, तो यह सुविधा जल्द सभी के लिए रोल आउट की जा सकती है।
इस फीचर के आने से UPI से पेमेंट करना लगभग ऑनलाइन कार्ड पेमेंट जितना आसान हो जाएगा। यूज़र्स को हर बार अपनी यूपीआई डिटेल्स एंटर नहीं करनी पड़ेंगी। जैसे ही कोई खरीदारी या बुकिंग होगी, पेमेंट तुरंत प्रोसेस हो जाएगा।
कुछ चिंताएं भी सामने आई हैं
हालांकि इस फीचर को लेकर कुछ सवाल भी उठे हैं। माना जा रहा है कि इससे बड़े प्लेटफॉर्म्स जैसे फोनपे और गूगल पे को ज्यादा फायदा मिलेगा, जबकि छोटे यूपीआई ऐप्स के लिए प्रतिस्पर्धा कठिन हो सकती है।
इसके बावजूद NPCI का मानना है कि इस बदलाव से UPI को कार्ड पेमेंट के विकल्प के रूप में मज़बूती मिलेगी और यह ज़्यादा यूज़र-फ्रेंडली बन जाएगा। खासकर तब, जब कई कंपनियां कार्ड पेमेंट पर कमीशन कमाती हैं, लेकिन UPI पेमेंट पर उन्हें कोई चार्ज नहीं मिलता।
UPI को बनाना है डिफॉल्ट पेमेंट मोड
NPCI का लक्ष्य है कि UPI को देश में डिजिटल भुगतान का डिफॉल्ट मोड बना दिया जाए। हालांकि हाल ही में इसकी ग्रोथ रेट कुछ कम हुई है – 2023-24 में UPI ग्रोथ रेट 36% रही, जबकि पिछले दो सालों में यह 50% से भी ज्यादा थी।
साथ ही, हाल के हफ्तों में कई बार UPI सर्विस डाउन रही, जिससे लोगों को ट्रांजैक्शन में परेशानी आई। सोशल मीडिया पर यूज़र्स ने नाराजगी जताई और कुछ लोगों ने कहा कि अब भी वॉलेट में कैश रखना समझदारी है।
NPCI को इस नए फीचर के साथ-साथ इन तकनीकी चुनौतियों और उपभोक्ताओं की अपेक्षाओं को भी ध्यान में रखना होगा।