योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान: नकल मुक्त परीक्षा प्रणाली और संस्कृत शिक्षा के विकास पर दिया जोर
लखनऊ में आयोजित राज्य स्तरीय मेधावी सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक शिक्षा में सुधारों की विस्तार से जानकारी दी।...

Political News:लखनऊ में आयोजित राज्य स्तरीय मेधावी सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक शिक्षा में सुधारों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बीते आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश में माध्यमिक विद्यालयों की स्थिति में व्यापक बदलाव लाया गया है। योगी ने आरोप लगाया कि पूर्व सरकारों के दौरान यह शिक्षा व्यवस्था नकल और भ्रष्टाचार का केंद्र बन चुकी थी, जहां परीक्षा के नाम पर पैकेज दिए जाते थे और ट्रांसफर-पोस्टिंग को व्यवसाय बना लिया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब परीक्षाएं सीसीटीवी निगरानी वाले सेंटरों पर होती हैं और 15 से 20 दिन में संपन्न हो जाती हैं। पहले परीक्षाओं, परिणाम और दाखिले में महीनों लगते थे, जिससे पूरे शैक्षणिक सत्र पर असर पड़ता था। उन्होंने कहा कि अब छात्र पहचान के संकट से मुक्त होकर आगे बढ़ रहे हैं।
बोर्ड परीक्षाओं के नतीजों का ज़िक्र करते हुए योगी ने कहा कि इस वर्ष हाईस्कूल में 93% बालिकाएं और 86% बालक उत्तीर्ण हुए, जबकि इंटरमीडिएट में यह आंकड़ा क्रमशः 86% और 76% रहा। उन्होंने इन उपलब्धियों के लिए छात्राओं को विशेष रूप से बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए भी नए प्रयास कर रही है। लखनऊ, चंदौली और भदोही में संस्कृत विद्यालयों के लिए नए भवन और छात्रावासों का निर्माण शुरू किया गया है। छात्रों को छात्रवृत्ति देने और स्कूलों को डिजिटल तकनीक से जोड़ने के लिए टाटा कंसल्टेंसी और यासिकावा कंपनी के साथ समझौता किया गया है।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुस्तक 'एग्जाम वॉरियर्स' को छात्रों को पढ़ना चाहिए और माध्यमिक शिक्षा विभाग को इसे स्कूलों की लाइब्रेरी में रखना चाहिए। मुख्यमंत्री ने युवाओं से राष्ट्र के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी समझने की अपील की और कहा कि जो लोग सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।