अब 20 डिग्री से कम पर नहीं चलेगा AC
भारत सरकार एयर कंडीशनरों के इस्तेमाल को लेकर नया मानक लागू करने की तैयारी में है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में बताया कि अब आने वाले समय में एसी को 20°C से नीचे और 30°C से ऊपर सेट नहीं किया जा सकेगा।...

Tech News:भारत सरकार एयर कंडीशनरों के इस्तेमाल को लेकर नया मानक लागू करने की तैयारी में है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में बताया कि अब आने वाले समय में एसी को 20°C से नीचे और 30°C से ऊपर सेट नहीं किया जा सकेगा। यानी जब आप नया एसी खरीदेंगे, तो वह 20 डिग्री से कम पर नहीं चलेगा और अधिकतम तापमान 30 डिग्री तक ही सीमित रहेगा।
इस पहल के पीछे उद्देश्य बिजली की खपत कम करना और पावर ग्रिड पर बोझ घटाना है। एसी विशेषज्ञ शैलेंद्र शर्मा का कहना है कि हर 1°C तापमान बढ़ाने से बिजली की खपत लगभग 6% तक कम हो जाती है। इस बदलाव से उपभोक्ताओं को आने वाले तीन वर्षों में 20 से 30 हजार करोड़ रुपये तक की बचत हो सकती है।
शर्मा ने बताया कि अधिकांश एसी 16 डिग्री तक सेट किए जा सकते हैं, लेकिन असल में वो तापमान वहां तक पहुंच नहीं पाता। बाहर का तापमान 40-45 डिग्री होने पर एसी का कंप्रेसर लगातार काम करता है जिससे बिजली खर्च ज्यादा होता है और मशीन पर भी असर पड़ता है। जबकि 25-26 डिग्री पर चलाए गए एसी में कंप्रेसर समय-समय पर रुकता है, जिससे बिजली की बचत होती है और मशीन की उम्र भी बढ़ती है।
दुनिया के कई देश पहले से ही ऐसे नियम लागू कर चुके हैं। जापान में एसी की सेटिंग अधिकतम 28°C तक सीमित है, सिंगापुर में सार्वजनिक स्थानों पर 25°C से कम पर एसी नहीं चलाया जा सकता और दक्षिण कोरिया में यह सीमा 26°C है। ऐसे में भारत का यह कदम वैश्विक मानकों की दिशा में एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि 24-26 डिग्री तापमान स्वास्थ्य के लिए सबसे उपयुक्त होता है। अधिक ठंडा तापमान स्वास्थ्य समस्याएं जैसे गले की खराश, त्वचा में सूखापन, मांसपेशियों में जकड़न और फेफड़ों में संक्रमण पैदा कर सकता है। यही तापमान नींद और बुजुर्गों-बच्चों के लिए भी उपयुक्त है।
इसके अलावा, लगातार चलने वाले कंप्रेसर की वजह से गर्मियों में एसी फटने जैसी घटनाएं भी सामने आती हैं। नया नियम इन खतरों को भी काफी हद तक कम करेगा। विशेषज्ञों की राय में यह फैसला लोगों की जेब, सेहत और पर्यावरण – तीनों के लिए फायदेमंद साबित होगा।