रायबरेली के बछरावां में बाढ़ से किसानों की हजारों एकड़ खेत जलमग्न, मुआवज़े और ड्रेन सफाई की उठी मांग
लगातार हो रही बरसात और ड्रेनों के ओवरफ्लो होने से हजारों एकड़ खेत पानी में डूब चुके हैं। धान सहित कई फसलों की पैदावार पूरी तरह बर्बाद हो गई है।

रायबरेली/जनमत न्यूज। बछरावां विधानसभा क्षेत्र के किसानों पर इस समय बाढ़ कहर बनकर टूटी है। लगातार हो रही बरसात और ड्रेनों के ओवरफ्लो होने से हजारों एकड़ खेत पानी में डूब चुके हैं। धान सहित कई फसलों की पैदावार पूरी तरह बर्बाद हो गई है। अब खेतों में लहलहाती फसलों की जगह पानी का अथाह समंदर दिखाई दे रहा है और किसानों की मेहनत पर पानी फिर चुका है।
जानकारी के अनुसार शिवगढ़, महराजगंज, नेरथुवा, कसरावां ड्रेन, हसवां ताल और सिकन्दपुर मूंग ताल का पानी आसपास के खेतों में भर गया है। सबसे अधिक प्रभावित ग्राम पंचायतों में बेडारू, ढेक्वा, रानीखेड़ा, नेरथुवा, बसन्तपुर-सकतपुर, गूढ़ा, हलोर, पुरासी, मोन और कुबना शामिल हैं। इन गांवों के साथ-साथ आसपास के कई अन्य इलाकों में भी फसलें पूरी तरह डूबकर नष्ट हो चुकी हैं।
किसानों का आरोप है कि प्रशासन और सिंचाई विभाग की घोर लापरवाही के कारण यह स्थिति बनी है। उनका कहना है कि यदि समय रहते ड्रेनों की मानक के अनुसार सफाई की जाती तो हालात इतने भयावह न होते। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि इस बार ठोस कदम नहीं उठाए गए तो हर साल यही तबाही दोहराई जाएगी।
बुधवार को प्रभावित किसानों ने भाजपा नेता व पूर्व विधायक रामलाल अकेला के नेतृत्व में उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। किसानों ने मांग की कि प्रभावित क्षेत्रों का तत्काल सर्वे कराया जाए और उसके आधार पर उन्हें उचित मुआवज़ा दिया जाए। साथ ही बरसात के बाद सभी ड्रेनों की पुख़्ता सफाई कराई जाए।
पूर्व विधायक रामलाल अकेला ने कहा कि किसानों की मेहनत पूरी तरह पानी में डूब गई है। यह स्थिति प्रशासन और सिंचाई विभाग की लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि किसानों को समय पर राहत और मुआवज़ा नहीं मिला तो आंदोलन किया जाएगा। फिलहाल किसान प्रशासन की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी तबाही का दर्द सुना जाएगा तथा जल्द उन्हें राहत और मुआवज़ा मिल सकेगा।