कोई भी खिलाड़ी क्रिकेट से बड़ा नहीं... पूर्व क्रिकेटर ने बुमराह के चयन पर उठाए सवाल

पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में जसप्रीत बुमराह के चयन पर सवाल उठाए। बोले- अगर खिलाड़ी हर मैच नहीं खेल सकता तो उसे चुनना ही क्यों?

कोई भी खिलाड़ी क्रिकेट से बड़ा नहीं... पूर्व क्रिकेटर ने बुमराह के चयन पर उठाए सवाल
Published By- A.K. Mishra

स्पोर्ट्स डेस्क/जनमत न्यूज़:- Jasprit Bumrah Selection Controversy: एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के बाद भी जसप्रीत बुमराह को लेकर चर्चाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। भारत के पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने बुमराह के चयन पर सवाल उठाते हुए कहा कि "कोई भी खिलाड़ी क्रिकेट से बड़ा नहीं होता"

क्या है मामला?

सीरीज शुरू होने से पहले ही तय था कि जसप्रीत बुमराह पांच में से केवल तीन टेस्ट खेलेंगे। उन्होंने तीन मैच खेले, लेकिन इसके बावजूद चर्चा जारी है। खासकर तब, जब मोहम्मद सिराज ने सीरीज में 185 से ज्यादा ओवर फेंके और सबसे ज्यादा विकेट झटके।

मनोज तिवारी का बयान

मनोज तिवारी ने क्रिकट्रैकर से बात करते हुए कहा:अगर किसी खिलाड़ी को किसी सीरीज के लिए चुना जाता है, तो उसका मतलब यह होना चाहिए कि वह हर मैच के लिए उपलब्ध रहेगा। अगर ऐसा नहीं है तो फिर उसे चुना ही क्यों गया?”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर चयनकर्ताओं को पता था कि बुमराह सभी पांच मैच नहीं खेलेंगे, तो उन्हें टीम में नहीं चुनना चाहिए था।

वर्कलोड मैनेजमेंट और चयन पर सवाल

तिवारी ने टीम मैनेजमेंट और कोचिंग स्टाफ की भी आलोचना की कि उन्होंने पहले ही इंग्लैंड को बता दिया कि बुमराह केवल तीन टेस्ट खेलेंगे। उन्होंने कहा:

मेरी राय में अगर कोई खिलाड़ी पूरी सीरीज के लिए फिट नहीं है, और यह पहले से पता है, तो उसे टीम में नहीं लेना चाहिए। कोई भी क्रिकेट के खेल से बड़ा नहीं है।

बेंच स्ट्रेंथ का मुद्दा

मनोज तिवारी ने आगे कहा कि जब टीम के पास मजबूत बेंच स्ट्रेंथ है और कई बेहतरीन तेज गेंदबाज तैयार हैं, तो बुमराह जैसे खिलाड़ी को सीरीज के लिए चुनना सही नहीं था।

जब आपके पास विकल्प मौजूद हैं, तो ऐसे खिलाड़ी को मत चुनिए जो हर मैच नहीं खेल सकता।

बुमराह की फिटनेस और पिछला प्रदर्शन

गौरतलब है कि बुमराह ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के सभी पांच टेस्ट खेले थे, जिसके बाद वह चोटिल हो गए और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी भी मिस कर दी। इसी वजह से मैनेजमेंट ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में उन्हें वर्कलोड मैनेजमेंट के तहत सीमित मैच खेलने का प्लान बनाया।