जोमैटो का फास्ट डिलीवरी एक्सपेरिमेंट हुआ फ्लॉप क्विक' सर्विस बंद

फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो ने अपनी एक सेवा को चुपचाप अपनी ऐप से हटा दिया है। 15 मिनट में फूड डिलीवरी करने वाली सेवा 'क्विक' अब उपलब्ध नहीं है।

जोमैटो का फास्ट डिलीवरी एक्सपेरिमेंट हुआ फ्लॉप  क्विक' सर्विस बंद
Published By: Satish Kashyap

Tech News: फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो ने अपनी एक सेवा को चुपचाप अपनी ऐप से हटा दिया है। 15 मिनट में फूड डिलीवरी करने वाली सेवा 'क्विक' अब उपलब्ध नहीं है। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सेवा को करीब 4 महीने पहले लॉन्च किया गया था, लेकिन अचानक इसे बंद कर दिया गया। इसका असर उन यूज़र्स पर पड़ेगा जो ऐप के जरिए तुरंत खाना मंगवाते थे। रिपोर्ट के अनुसार, 'क्विक' जोमैटो एवरीडे का हिस्सा था और इसे बंगलूरू, गुरुग्राम, हैदराबाद और मुंबई जैसे शहरों में पेश किया गया था, लेकिन अब यह विकल्प ऐप में मौजूद नहीं है। कंपनी ने 2022 में फास्ट डिलीवरी शुरू की थी, लेकिन वह सेवा ज्यादा सफल नहीं हो पाई थी।

जोमैटो ने साल 2022 में फास्ट डिलीवरी सेवा 'जोमैटो इंस्‍टेंट' की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य बंगलूरू और दिल्ली-एनसीआर जैसे इलाकों में 10 मिनट में डिलीवरी देना था। हालांकि, जनवरी 2023 में इसे बंद कर दिया गया। इसके बाद जोमैटो एवरीडे को पेश किया गया, लेकिन अब यह सेवा भी ऐप में उपलब्ध नहीं है। कंपनी ने इस फैसले की कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है, और इस सेवा को बंद करने के कारण के बारे में भी कुछ स्पष्ट नहीं है।

जोमैटो ने कुछ साल पहले ग्रोफर्स को खरीदा और उसे ब्लिंकिट नाम दिया, जो 10 मिनट में ग्रॉसरी डिलीवरी करने का वादा करता है। ब्लिंकिट सेवा जोमैटो के लिए सफल रही है और कई शहरों में इसका विस्तार भी हुआ है। इसके अतिरिक्त, जोमैटो ने 'बिस्ट्रो बाय ब्लिंकिट' नाम से एक नई सेवा शुरू की है, जो ब्लिंकिट के स्टोर्स का उपयोग कर ताजे छोटे मील्स को फटाफट डिलीवर करती है, हालांकि यह सेवा अभी कुछ ही क्षेत्रों में उपलब्ध है।

पिछले साल मनीकंट्रोल से बातचीत में जोमैटो के सीईओ दीपेंद्र गोयल ने कहा था कि रेस्टोरेंट पार्टनर्स को ढूंढना मुश्किल होने की वजह से फास्ट डिलीवरी को बढ़ाना कठिन है। उन्होंने जोमैटो एवरीडे मॉडल को जोमैटो इंस्टेंट से थोड़ा बेहतर बताया था। अब ऐसा लगता है कि कंपनी ने जोमैटो एवरीडे से भी अपना हाथ पीछे खींच लिया है। जोमैटो ने अब तक कई प्रयास किए हैं ताकि लोगों तक ताजे और जल्दी खाना पहुंचा सके, लेकिन इनमें से कई प्रयास सफल नहीं हो पाए। यह साफ दिखता है कि तेज़ डिलीवरी में चुनौतियां हैं, क्योंकि रेस्टोरेंट पार्टनर्स को ढूंढना भी एक बड़ा मुश्किल है, क्योंकि उनके पास अन्य स्थानों से भी ऑर्डर आते हैं।