मौलाना अरशद मदनी का आरोप – मदरसों पर कार्रवाई मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला
जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मदरसों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को न केवल गैर-ज़रूरी बताया, बल्कि इसे धार्मिक आज़ादी पर सीधा हमला करार दिया।..

लखनऊ/जनमत:जमीअत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मदरसों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को अनुचित बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है और समाज में नफरत फैलाने का जरिया बन रहा है।
आजमगढ़ के सरायमीर में आयोजित 'मदरसा सुरक्षा सम्मेलन' में मदरसा संचालकों को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मौलाना मदनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद सरकार वैध मदरसों पर कार्रवाई कर रही है। जिन संस्थानों के दस्तावेज अधूरे हैं, उन्हें सुधारने का अवसर देना चाहिए, न कि उन्हें सील किया जाए।
उन्होंने बताया कि खासकर नेपाल सीमा से सटे जिलों में मदरसों, दरगाहों, ईदगाहों और कब्रिस्तानों पर एकतरफा कार्रवाइयां हो रही हैं। कई मदरसों को असंवैधानिक घोषित कर बंद किया जा चुका है, जिससे मुस्लिम समुदाय में भय और चिंता का माहौल बना है।
मौलाना मदनी ने यह भी कहा कि देश की आज़ादी की लड़ाई में उलमा और मदरसों की अहम भूमिका रही है। दारुल उलूम देवबंद जैसे संस्थानों की स्थापना भी अंग्रेज़ों से संघर्ष के लिए कार्यकर्ता तैयार करने हेतु हुई थी।
उन्होंने मदरसा संचालकों से अपील की कि वे सभी ज़रूरी कागजी प्रक्रियाएं पूरी करें, ताकि उनके संस्थान सुरक्षित रहें। साथ ही उन्होंने सरकारों और राजनीतिक दलों से अपील की कि वे ऐसा कोई कार्य न करें जो देश की एकता और भाईचारे को नुकसान पहुंचाए।