SIR के तहत यूपी में काटे गए करोड़ों वोट, अब 2024 में वोटिंग का कौन होगा जिम्मेदार: सांसद चंद्रशेखर आजाद

उप्र के हरदोई जनपद में आज महाराजा बिजली पासी की जयंती के अवसर पर बहुजन संकल्प महा रैली का आयोजन किया गया।

SIR के तहत यूपी में काटे गए करोड़ों वोट, अब 2024 में वोटिंग का कौन होगा जिम्मेदार: सांसद चंद्रशेखर आजाद
Published By- Diwaker Mishra

हरदोई से सुनील कुमार की रिपोर्ट

हरदोई/जनमत न्यूज़। उप्र के हरदोई जनपद में आज महाराजा बिजली पासी की जयंती के अवसर पर बहुजन संकल्प महा रैली का आयोजन किया गया। भीम आर्मी एवं आजाद समाज पार्टी के संयुक्त प्रावधान में आयोजित इस रैली में नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पहुंचे।

SIR प्रक्रिया पर निशाना साधते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा इस प्रकिया में 2 करोड़ 89 लाख वोट काटे गए हैं तो 2024 के चुनाव में जो वोट पड़े थे इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।

बिलग्राम चुंगी पर आयोजित एक बारात घर में इस कार्यक्रम पहुंचे चंद्रशेखर आजाद ने उत्तर प्रदेश में वोट कटने के मुद्दे पर सवाल उठाए और कहाकि पहले 4 करोड़ वोट कटने की बात कही गई अब सरकारी आंकड़े 2 करोड़ 89 लाख बताते हैं तो बाकी वोट किसके थे।

उन्होंने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर सीधा हमला बताया और कहा कि वोट का अधिकार रहेगा तो ही सत्ता के बड़े लोग आम जनता के दरवाजे पर आएंगे।उन्होंने इस दौरान महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का जिक्र करते हुए एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला दिया और कहा कि देश में अपराध और रेप के मामलों में सबसे अधिक पीड़ित यही वर्ग हैं।

उन्होंने कहा कि आजाद समाज पार्टी भीम आर्मी ने तय कर लिया है कि 2027 में आजाद समाज पार्टी को लखनऊ लेकर आना है इसके लिए कार्यकर्ताओं ने कमर कसी है।

आज महासम्मेलन था इसके बाद पांच रैलियां जो 25 तक शुरू हो रही हैं इससे पहले मुजफ्फरनगर में महा रैली हुई थी उत्तर प्रदेश की हवा जो की सारी पार्टी को आजमा चुकी है अब वह नए नेतृत्व को अवसर देना चाहती है।

कहा कि जिस तरह से भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी मेहनत कर रही है वह दिन दूर नहीं है कि एक भाईचारा बनेगा कमजोर वर्गों के लोगों में एससी एसटी ओबीसी मुस्लिम लोगों में आदिवासियों में आजाद समाज पार्टी बड़ी ताकत में उभरेगी।

आज हुए महाराजा बिजली पासी की जयंती पर आयोजित बहुजन संकल्प महारैली में भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा। सभा स्थल के भीतर ही नहीं बल्कि बाहर सड़क तक हजारों लोग जमा हो गए।

जगह कम पड़ने पर कई लोग पेड़ों और आसपास की छतों पर चढ़कर सभा देखने की कोशिश करते दिखे। छतों पर बड़ी संख्या में लोगों के डटे रहने से किसी बड़े हादसे की आशंका बनी रही।