संविधान दिवस पर सिविल कोर्ट मुसाफिरखाना में शपथ समारोह, भारतीय संविधान के मूल्यों के पालन का संकल्प
सिविल जज दीपांशी चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि संविधान देश की आत्मा है, और प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह इसके प्रति पूर्ण निष्ठा और सम्मान रखे।
अमेठी/जनमत न्यूज। संविधान दिवस के अवसर पर बुधवार को सिविल कोर्ट मुसाफिरखाना में एक गरिमामयी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समारोह में सिविल जज (अवर खंड) मुसाफिरखाना, सुल्तानपुर श्रीमती दीपांशी चौधरी ने न्यायालय कर्मियों और अधिवक्ताओं को भारतीय संविधान की शपथ दिलाई। पूरे कार्यक्रम के दौरान संविधान के प्रति सम्मान, निष्ठा और कर्तव्यभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।
सूत्रों के मुताबिक, शपथ ग्रहण के साथ-साथ भारतीय संविधान में निहित मूल्यों, न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व के सिद्धांतों को आत्मसात करने का संकल्प भी दोहराया गया। सिविल जज दीपांशी चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि संविधान देश की आत्मा है, और प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह इसके प्रति पूर्ण निष्ठा और सम्मान रखे। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान न केवल नागरिकों के अधिकारों का रक्षक है, बल्कि कर्तव्यों का भी स्पष्ट निर्धारण करता है। इसलिए हर नागरिक को संविधान की मूल भावना की रक्षा करते हुए उसके सिद्धांतों को जीवन में उतारना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान वातावरण संविधान के प्रति श्रद्धा, कर्तव्यनिष्ठा और गरिमा से ओत-प्रोत रहा। मंच पर मौजूद अधिवक्ताओं और कर्मचारियों ने भी संविधान के मूल्यों का पालन करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
इस अवसर पर बार एसोसिएशन मुसाफिरखाना के महासचिव राजीव कुमार तिवारी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार शुक्ल (केके शुक्ला), अधिवक्ता कृष्णानंद मिश्र, सुरेश तिवारी, केपी श्रीवास्तव, शिव पाठक, शिव कुमार शुक्ल, राजेश तिवारी, अजय गुप्ता, अखिलेश पाण्डेय सहित अनेक अधिवक्ता उपस्थित रहे।
कोर्ट स्टाफ में स्टेनो बाबू सुरेंद्र, अश्वनी सिंह, राजेंद्र विश्वकर्मा, मो. आबिद, राम सिंह, शिवकुमार सहित कई कर्मचारी भी कार्यक्रम का हिस्सा बने। कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद प्रतिभागियों ने संविधान दिवस को देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की पुनर्पुष्टि का अवसर बताया और इसे प्रेरक और सार्थक आयोजन माना।

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