प्रयागराज में नर्सरी छात्र की संदिग्ध मौत, दो शिक्षिकाओं पर केस
प्रयागराज के नैनी क्षेत्र स्थित महेवा पश्चिम पट्टी में नर्सरी कक्षा के एक मासूम छात्र की रहस्यमय मृत्यु के मामले में पुलिस ने गुरुवार देर रात स्कूल की दो अज्ञात शिक्षिकाओं के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है....

प्रयागराज/जनमत:प्रयागराज के नैनी क्षेत्र स्थित महेवा पश्चिम पट्टी में नर्सरी कक्षा के एक मासूम छात्र की रहस्यमय मृत्यु के मामले में पुलिस ने गुरुवार देर रात स्कूल की दो अज्ञात शिक्षिकाओं के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्र के संवेदनशील अंगों पर चोटों की पुष्टि हुई है, जिससे पुलिस को संदेह है कि उसके साथ यौन हिंसा हो सकती है। इस घटना के बाद शुक्रवार को स्कूल बंद पाया गया।
जानकारी के अनुसार, महेवा पश्चिम पट्टी निवासी एक किराना दुकानदार का साढ़े तीन साल का बेटा इलाके के एक निजी विद्यालय में नर्सरी कक्षा में पढ़ता था। गुरुवार को उसकी मां उसे स्कूल छोड़कर गई थीं। कुछ ही समय बाद स्कूल से पिता को कॉल आया कि बच्चा बेहोश हो गया है। जब परिजन स्कूल पहुंचे तो बच्चे के सिर पर चोट के निशान थे। वे उसे कई अस्पतालों में ले गए, लेकिन अंततः एसआरएन अस्पताल के ट्रामा सेंटर में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पोस्टमार्टम के दौरान छात्र के जननांगों पर गंभीर चोटें पाई गईं, जिससे यौन उत्पीड़न की आशंका जताई जा रही है। पुलिस स्कूल परिसर और उसके आसपास के सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच कर रही है। डीसीपी यमुनापार विवेक चंद्र यादव ने बताया कि बच्चे की भौंह के पास कट, जीभ पर चोट और निजी अंगों में जख्म पाए गए हैं। इन सभी बिंदुओं पर विस्तृत जांच की जा रही है।
परिजनों की तहरीर के आधार पर दो अज्ञात महिला शिक्षकों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, तहरीर में यौन उत्पीड़न का सीधा उल्लेख नहीं है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस इसे नकार नहीं रही है। डीसीपी के अनुसार, मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है।
उधर, जिस स्कूल में यह घटना घटी, उसका प्रबंधक विद्यालय को बंद करके फरार हो गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण तिवारी ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी नरेंद्र देव मिश्रा को जांच सौंप दी गई है। वे शनिवार को स्कूल का निरीक्षण करेंगे।
मृत छात्र के परिजन गहरे सदमे में हैं। पिता ने बताया कि गुरुवार को स्कूल की सूचना मिलने पर वे पहुंचे, तब एक शिक्षिका बच्चे को गोद में लिए खड़ी थीं। उन्होंने बताया कि बच्चे को पहले एक निजी डॉक्टर के पास ले जाया गया, फिर चिल्ड्रेन हॉस्पिटल, उसके बाद कमला नेहरू और अंत में एसआरएन ट्रामा सेंटर पहुंचाया गया, जहां बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया।
बच्चे के बड़े भाई ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया कि एक अध्यापिका ने उसके छोटे भाई को पीछे से थप्पड़ मारा, जिससे उसका सिर बेंच से टकरा गया और वह घायल हो गया। उसकी जीभ से भी खून आने लगा था। यह बयान स्कूल स्टाफ की संवेदनहीनता की ओर इशारा करता है।
मासूम की मौत ने पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है। परिवार न्याय की मांग कर रहा है और इस दुखद घटना की निष्पक्ष जांच की उम्मीद कर रहा है।