अमेरिका ने पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर को आर्मी डे पर बुलाने की खबरों को बताया गलत
वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ पर आयोजित परेड को लेकर अफवाह फैली थी कि इसमें पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को आमंत्रित किया गया है।

देश/विदेश (जनमत): आज 14 जून को वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक विशेष परेड और उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसी आयोजन को लेकर हाल ही में यह खबर सामने आई थी कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सैयद असीम मुनीर को बतौर विशिष्ट अतिथि इस कार्यक्रम में बुलाया गया है। इस खबर से भारत-पाकिस्तान समेत वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक हलचल तेज हो गई थी। हालांकि अब व्हाइट हाउस ने इस दावे को खारिज कर दिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि परेड में किसी भी विदेशी सैन्य अधिकारी को आमंत्रित नहीं किया गया है। व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने कहा, “यह सूचना पूर्णतः असत्य है। इस आयोजन के लिए कोई भी अंतरराष्ट्रीय सैन्य प्रतिनिधि आमंत्रित नहीं किया गया है।”
यह आयोजन अमेरिकी सेना की स्थापना के 250 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में किया जा रहा है। आज ही के दिन पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 79वां जन्मदिन भी है। परेड में करीब 6,600 अमेरिकी सैनिक, 150 सैन्य वाहन, 50 हेलीकॉप्टर, 34 घोड़े, दो खच्चर और एक सैन्य कुत्ता हिस्सा ले रहे हैं। यह परेड लिंकन मेमोरियल से शुरू होकर 15वीं स्ट्रीट तक जाएगी। साथ ही नेशनल मॉल पर पूरे दिन सैन्य उपकरणों की प्रदर्शनी, संगीत कार्यक्रम और फिटनेस प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
भारत में यह मामला इसलिए भी चर्चा में रहा क्योंकि हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के पीछे भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी गुटों को जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पीओके में कई आतंकी अड्डों पर सटीक हमले किए थे। इसी पृष्ठभूमि में असीम मुनीर के अमेरिका आने की खबर भारत के लिए सामरिक और कूटनीतिक दृष्टि से चिंता का विषय बन गई थी, क्योंकि मुनीर को भारत विरोधी बयानों के लिए जाना जाता है।
दक्षिण एशियाई मीडिया में यह खबर तेजी से फैली थी कि असीम मुनीर को अमेरिकी सेना दिवस की परेड में विशेष आमंत्रण मिला है। इस पर रैंड कॉर्पोरेशन के रक्षा विशेषज्ञ डेरेक ग्रॉसमैन ने भी टिप्पणी करते हुए इसे भारत के लिए "कूटनीतिक झटका" बताया था।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि मुनीर ने दो राष्ट्र सिद्धांत को उकसाने वाले बयान दिए हैं और 22 अप्रैल के आतंकी हमले से पहले उनके बयानों की भूमिका संदिग्ध रही है। ऐसे व्यक्ति को अमेरिका द्वारा बुलाया जाना हैरान करने वाला है। हालांकि अब व्हाइट हाउस की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि ये सारी खबरें निराधार थीं।
इस अफवाह के चलते इमरान खान की पार्टी पीटीआई की अमेरिकी शाखा ने वाशिंगटन डीसी स्थित पाकिस्तानी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन की घोषणा कर दी थी। पार्टी ने कहा था कि वे पाकिस्तान में जारी कथित "अघोषित मार्शल लॉ" और निष्पक्ष चुनावों की मांग को लेकर 12 अन्य प्रवासी संगठनों के साथ मिलकर प्रदर्शन करेंगे। लेकिन अब जब व्हाइट हाउस ने असीम मुनीर को न्योता दिए जाने की बात खारिज कर दी है, तो यह विरोध प्रदर्शन रद्द कर दिया गया है।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर दक्षिण एशिया की भूराजनीतिक संवेदनशीलता को उजागर कर दिया है। कुछ जानकारों का यह भी कहना था कि अमेरिका, चीन के प्रभाव को संतुलित करने के उद्देश्य से पाकिस्तान को अपने पाले में लाना चाहता है। पाकिस्तान की चीन-पाक आर्थिक गलियारे (CPEC) और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) में गहराई से भागीदारी अमेरिका के लिए चिंता का विषय रही है। इसलिए यह अनुमान लगाया गया था कि असीम मुनीर को आमंत्रित कर अमेरिका, पाकिस्तान पर आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दबाव डाल सकता है। लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि इस तरह की खबरें पूरी तरह से निराधार और भ्रामक थीं, जिनका कोई आधिकारिक आधार नहीं था।