ईरान-इजरायल युद्ध : 6 दिन में 585 मौतें, सुपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल, तेहरान में हाहाकार
मध्य-पूर्व में तनाव अपने चरम पर है। इजरायल और ईरान के बीच छिड़ी जंग में अब तक 585 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1,300 से अधिक घायल हैं।

देश/विदेश (जनमत): मध्य-पूर्व में तनाव अपने चरम पर है। इजरायल और ईरान के बीच छिड़ी जंग में अब तक 585 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1,300 से अधिक घायल हैं। अमेरिका स्थित एक ह्यूमन राइट्स ग्रुप के अनुसार, मारे गए लोगों में 239 आम नागरिक और 126 सुरक्षा बलों के जवान शामिल हैं।
बुधवार को भी दोनों देशों के बीच तीव्र गोलाबारी और मिसाइल हमले जारी रहे। खास बात यह है कि ईरान अब अपनी सुपरसोनिक मिसाइलों का प्रयोग कर रहा है। वहीं, इजरायल ने भी हमले तेज कर दिए हैं। राजधानी तेहरान में हालात बेहद भयावह हैं—लोग शहर छोड़कर भाग रहे हैं। पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ है और लोग गाड़ियों में सामान भरकर निकलने की होड़ में लगे हैं।
ईरान की ओर से सोमवार को दिए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, तब तक 224 लोगों की जान जा चुकी थी और 1277 घायल थे। लेकिन अब यह संख्या काफी बढ़ चुकी है।
तेल अवीव पर ईरान का निशाना, जवाब में इजरायल का पलटवार
ईरान ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव को भी निशाना बनाया है, हालांकि वहां बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। इसके जवाब में इजरायल ने ईरानी रिवॉलूशनरी गार्ड की सैन्य अकैडमी समेत कई अहम ठिकानों पर बमबारी की है।
सूत्रों के अनुसार, अब तक ईरान के 20 शीर्ष सैन्य कमांडर और सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खामेनेई के दो करीबी सलाहकार भी मारे जा चुके हैं।
जंग की असली वजह: परमाणु हथियारों की दौड़?
इजरायल का दावा है कि वह ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकना चाहता है। इसी कारण उसने यह सैन्य कार्रवाई शुरू की। गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु डील को लेकर बातचीत शुरू होने वाली थी, लेकिन इजरायल ने उससे ठीक पहले हमला कर दिया।
हालांकि ईरान हमेशा कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है। बावजूद इसके, वह 60% तक यूरेनियम समृद्ध कर चुका है, जबकि हथियार बनाने के लिए 90% ग्रेड की आवश्यकता होती है। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी भी ईरान की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रही है।