किसानों ने राष्ट्रपति को सम्बोधित 6 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा
ज्ञापन में किसानों ने मांग की कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दी जाए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके।

बलरामपुर/जनमत न्यूज। जनपद बलरामपुर की तहसील उतरौला में सोमवार को भारतीय किसान यूनियन (महा. टिकैत) व सहयोगी भारतीय मजदूर किसान संगठन (राष्ट्रवादी) के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न समस्याओं को लेकर राष्ट्रपति को सम्बोधित 6 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा। इस मौके पर संगठन के जिला अध्यक्ष मोहम्मद खलील शाह के नेतृत्व में सैकड़ों किसान व मजदूर तहसील परिसर में एकत्र हुए और अपनी समस्याओं को लेकर जोरदार आवाज़ बुलंद की।
ज्ञापन में किसानों ने मांग की कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दी जाए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। साथ ही, 2020 के संशोधित बिजली बिल को वापस लेने और स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया को तत्काल बंद करने की मांग की गई।
किसानों ने यूरिया खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पहले किसानों को खाद फुटकर दुकानों व सहकारी समितियों से मिलती थी, लेकिन अब इसे केवल सरकारी समितियों के माध्यम से ही वितरित किया जा रहा है, जिससे किसानों को कई दिनों तक लाइन में लगना पड़ता है और भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इसके अतिरिक्त, बजाज चीनी मिल, इटई मैदा से किसानों को वर्ष 2024-25 का गन्ना मूल्य ब्याज सहित शीघ्र भुगतान कराने की मांग की गई। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज सभी मुकदमे वापस लिए जाएं।
इस अवसर पर विनय कुमार, अशोक कुमार दुबे, राम धनी वर्मा, बछराज वर्मा, बड़े लाल पांडेय, घनश्याम वर्मा कोटेदार, राम रूप, चौधरी ईरशाद गद्दी, गोविंद मौर्य, धनीराम मौर्य, संगम मौर्य, सालिकराम यादव, मोहम्मद ईशहाक, राम औतार, राम नरेश यादव सहित सैकड़ों किसान व मजदूर उपस्थित रहे।