एशिया कप 2025 के लिए टीम इंडिया ने कसी कमर इंडिया को जीत दिलाएंगे ये दो दिग्गज खिलाड़ी !

एशिया कप 2025 के लिए टीम इंडिया कमर कस चुकी है. वो 10 सितंबर को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेगी. इस दौरान...............

एशिया कप 2025 के लिए टीम इंडिया ने कसी कमर इंडिया को जीत दिलाएंगे ये दो दिग्गज खिलाड़ी !
Published By: JYOTI KANOJIYA

एशिया कप 2025 के लिए टीम इंडिया कमर कस चुकी है. वो 10 सितंबर को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेगी. इस दौरान टीम इंडिया के दो दिग्गज खिलाड़ी पारी की शुरुआत करते हुए नजर आ सकते हैं. पहले ये दोनों खिलाड़ी बैट के लिए आपस में लड़ाई करते थे, लेकिन अब ये टीम को अच्छी शुरुआत दिलाने को बेताब हैं. बचपन से एक साथ खेलने वाले इन दोनों खिलाड़ियों में से एक शांत है तो दूसरा शैतान है. इसका खुलासा शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा के कोच अरुण बेदी ने एक इंटरव्यू के दौरान किया है.

पंजाब के पूर्व क्रिकेटर अरुण बेदी ने शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा अंडर-14 के दिनों से देखा है, जब ये दोनों खिलाड़ी पंजाब की ओर से खेलते थे. उन्होंने एक इंटरव्यू दौरान बताया कि इनमें से एक शांत है तो दूसरा शैतान. शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा एशिया कप में ओपनिंग करते हुए नजर आ सकते हैं. इस पर अरुण बेदी ने कहा कि ये पहली बार नहीं होगा. ये दोनों खिलाड़ी अंडर-14 के दिनों से ही एक साथ ओपनिंग करते हुए आ रहे हैं.

उन्होंने बताया कि पहले, अंडर-14 खिलाड़ियों के लिए ध्रुव पांडव ट्रॉफी हुआ करती थी. केवल उत्तर क्षेत्र की टीमें दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल ही इसमें खेलती थीं. दोनों ने पहली बार मेरी कोचिंग में इस टूर्नामेंट में पंजाब की ओर से खेला था. अभिषेक शर्मा कप्तान थे और शुभमन गिल उप कप्तान. हमारे सभी मैच ऊना, हिमाचल प्रदेश में थे. अभिषेक प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे और पंजाब ने दिल्ली को हराकर ये टूर्नामेंट जीता था. बेदी ने इसी टूर्नामेंट का एक किस्सा साझा किया कि इस दोनों खिलाड़ियों ने कैसे हारा हुई मैच जीत लिया था?

बेदी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के खिलाफ लीग मैच दो दिन का था. मैच के दूसरे दिन हिमाचल प्रदेश ने चाय तक 5 विकेट शेष रहते 10 रनों की बढ़त ले ली थी. चाय के दौरान मैंने शुभमन और अभिषेक से कहा, “हम हारने वाले हैं”. कुछ देर बात दोनों मेरे पास आए और बोले, “सर कैसे हार जाएँगे?” बेदी ने बताया कि इसके बाद जब खेल शुरू हुआ तो अभिषेक ने पहले ही ओवर में एक विकेट ले लिया. इस दौरान अभिषेक ने शानदार गेंदबाजी और गिल ने शानदार फिल्डिंग के दम पर हिमाचल के जल्द ही समेट दिया.

इसके बाद पंजाब को जीत के लिए 10 ओवर में 90 रन का लक्ष्य मिला. जिसे इन दोनों ने 7 ओवर में ही हासिल कर लिया. अरुण बेदी ने कहा, “मैं हैरान था. इतनी कम एज में, वे ऐसा सोच रहे थे”. मैच के बाद बेदी ने शुभमन और अभिषेक के पिता लखविंदर गिल और राजकुमार शर्मा को फोन किया और बताया कि उनके बेटे खास हैं और एक दिन भारत के लिए खेलेंगे. हालांकि ये दोनों खिलाड़ी बचपन में बैट के लिए आपस में लड़ाई करते थे. इसका खुलासा अभिषेक और गिल ने एक इंटरव्यू के दौरान किया था.

बचपन में बल्ले के लिए होती थी लड़ाई
शुभमन गिल के बल्ले के प्रति अभिषेक शर्मा का जुनून जगजाहिर है. अभिषेक ने 2024 में जिम्बाब्वे में शुभमन के बल्ले से अपना पहला T20I शतक लगाया था. अभिषेक ने कहा था, “जब भी मुझे रनों की जरूरत होती है, मैं उनका बल्ला मांगता हूं”. इस बीच, शुभमन गिल ने अपने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि कैसे एक बार इस मुद्दे पर उनका झगड़ा हुआ था.

उन्होंने बताया, “दरअसल, ये हमारे अंडर-16 के दिनों में शुरू हुआ था. अभिषेक ने मेरे बल्ले से खेलना शुरू किया था. वो मेरे मैच बैट से 80 या 90 रन पर बल्लेबाजी कर रहा था और मैं नहीं चाहता था कि मेरा बैट टूट जाए, इसलिए मैंने उससे बैट वापस करने के लिए कहा. इस बात पर हमारी थोड़ी लड़ाई हो गई! लेकिन जब भी वो मेरा बल्ला मांगता था, मैं हमेशा उसे दे देता था और उसने उससे खूब रन बनाए”.

मैच से पहले पिज्जा खाते थे शुभमन और अभिषेक
अरुण बेदी ने बताया कि अभिषेक शुभमन के बल्ले के दीवाने थे और भारत के मौजूदा टेस्ट कप्तान उनके द्वारा बनाए गए सभी रनों का श्रेय खुद लेते थे. शुभमन मुझसे कहते थे कि सर, सारे रन मेरे नाम पर गिने जाने चाहिए. खुद के बल्ले से रन नहीं आते इसके. बेदी ने बताया कि दोनों अंडर-14 के दिनों से ही रूममेट थे और मैच से पहले उनकी एक रस्म थी. वे मैच के पहले पिज्जा जरूर खाते थे.

शुभमन गिल ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया, “अंडर-16 के दिनों से और यहां तक कि अंडर-19 के दिनों में भी, हम हर मैच से पहले पिज्जा खाते थे. ये एक अंधविश्वास था. हम सालों तक ऐसा करते रहे. पिज्जा खाओ, रन बनाओ. ये हमारा मंत्र हुआ करता था”. बेदी ने बताया कि बल्लेबाजी में वे बर्फ और आग की तरह हैं. वे एक-दूसरे के खेल को बहुत अच्छी तरह समझते हैं और मुझे उनके इस मुकाम पर देखकर कोई आश्चर्य नहीं है.