बुलंदशहर के मासूम डुग्गु की अपील: “प्रधानमंत्री जी, मुझे अपने पैरों पर खड़ा कर दीजिए

स्याना कस्बे के एक कमरे के मकान में रहने वाला यह मासूम, डुग्गु गौतम, ऐसी बीमारी से जूझ रहा है जो किसी का भी दिल पसीजने पर मजबूर कर दे।

बुलंदशहर के मासूम डुग्गु की अपील: “प्रधानमंत्री जी, मुझे अपने पैरों पर खड़ा कर दीजिए
REPORTED BY - SATYAVEER SINGH, PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR

बुलंदशहर/जनमत न्यूज। स्याना कस्बे के एक कमरे के मकान में रहने वाला यह मासूम, डुग्गु गौतम, ऐसी बीमारी से जूझ रहा है जो किसी का भी दिल पसीजने पर मजबूर कर दे। उम्र महज 3 साल 10 महीने। बीमारी का नाम – ऑस्टेओजेनेसिस इम्परफेक्टा टाइप-बी (Osteogenesis Imperfecta Type-B)
यह रोग उसकी हड्डियों को इस कदर खोखला कर चुका है कि वह बैठ भी नहीं सकता। हालत यह है कि उसका पिता, आकाश गौतम, जो कभी अपना ऑटो चलाकर परिवार का पेट पालता था, अब किराये पर ऑटो लेकर रोजाना पांच-सौ-छह-सौ रुपये ही कमा पाता है। बेटे की बीमारी ने उन्हें कर्ज में डुबो दिया है।

डुग्गु का संघर्ष पैदा होते ही शुरू हो गया। जन्म के वक़्त उसमें सांस तक नहीं थी। घंटों ऑक्सीजन पर रहने के बाद उसकी जिंदगी लौटी। मगर डेढ़ साल की उम्र के बाद भी जब वह बैठ नहीं पाया, तब परिवार को उसकी गंभीर बीमारी का एहसास हुआ। माता-पिता अशिक्षित हैं, इसलिए बड़े अस्पतालों और डॉक्टरों के चक्कर भी इनके लिए किसी पहाड़ से कम नहीं।

कई लोगों ने बताया कि बीमारी का इलाज संभव है, लेकिन खर्च करोड़ों रुपये का होगा। पीएम आवास योजना के एक कमरे वाले घर में रहने वाले आकाश गौतम के लिए यह सपना दूर की कौड़ी ही बन गया है।

डुग्गु के दिल में मासूम ख्वाहिशें पल रही हैं। उसे संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर, सावित्रीबाई फुले, यूपी के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम याद हैं। लेकिन स्कूल जाना उसका सपना है। उसकी एक ही गुहार है– “प्रधानमंत्री जी, मुझे अपने पैरों पर खड़ा कर दीजिए ताकि मैं भी पढ़-लिखकर समाज की सेवा कर सकूं।”